धातु और खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांत ने 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही) के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की गिरावट दर्ज और यह लुढ़ककर 2,464 करोड़ रुपये रह गया। इसे कम उत्पादन और जिंस की कीमतों से नुकसान पहुंचा हैं।
तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी का मुनाफा ब्लूमबर्ग के अनुमानों से चूक गया, जिसने इस तिमाही में शुद्ध लाभ 5,516 करोड़ रुपये आंका था। एक साल पहले कंपनी का शुद्ध लाभ 4,164 करोड़ रुपये था। कंपनी के परिणाम बताते हैं कि पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही) की तुलना में शुद्ध लाभ में 36.3 प्रतिशत इजाफा हुआ था।
कंपनी ने तीसरी तिमाही के अपनी हालिया परिचालनगत रिपोर्ट में संकेत दिया था कि एल्युमीनियम और इस्पात उत्पादन में सालाना आधार पर क्रमश: दो प्रतिशत और 13 प्रतिशत की गिरावट आई है। लौह अयस्क की बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 18 प्रतिशत की गिरावट आई थी। इसकी रिपोर्ट में कहा गया कि तीसरी तिमाही में कंपनी का तेल और गैस का औसत दैनिक सकल परिचालित उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में नौ प्रतिशत कम हो गया।
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कंपनी के समेकित राजस्व में तीसरी तिमाही के दौरान कम उत्पादन और धातु की बिक्री का असर नजर आया, जो 33,691 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा। राजस्व इस तीमाही के लिए ब्लूमबर्ग के अनुमान से कुछ अधिक रहा। यह 33,680 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले कंपनी ने 33,697 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था। इसके परिणाम से पता चलता है कि क्रमिक रूप से वेदांत का राजस्व सात प्रतिशत कम रहा। कंपनी ने प्रति शेयर 12.50 रुपये के चौथे अंतरिम लाभांश की घोषणा की है।