अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांत की स्टरलाइट कॉपर ने तमिलनाडु की तुत्तुकुडी इकाई में दोबारा उत्पादन शुरू करने की तैयारी के उपायों के तहत कॉपर कंसन्ट्रेट, आयातित थर्मल कोल, रॉक फॉस्फेट और पेट्रोलियम उत्पादों जैसे कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अभिरुचि पत्र (EOI) आमंत्रित करते हुए नई अधिसूचना जारी की है।
अगर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला कंपनी के पक्ष में जाता है, तो इस संयंत्र का परिचालन फिर से शुरू होने के आसार हैं।
कंपनी ने 12 जून को संयंत्र की गतिविधियां फिर से शुरू करने के लिए अभिरुत्रि पत्र आमंत्रित किया था। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (TNPCB) द्वारा जारी एक आदेश के बाद यह संयंत्र पांच साल से भी अधिक समय पहले बंद हो गया था। अगस्त 2023 तक अंतिम फैसले की उम्मीद है।
मौजूदा अभिरुचि पत्र में प्रति वर्ष 14 लाख टन कॉपर कंसन्ट्रेट, 7,00,000 टन आयातित थर्मल कोयला, 7,00,000 टन रॉक फॉस्फेट, 60,000 टन पेट्रोलियम उत्पाद, 7,000 टन तरलीकृत पेट्रोलियम गैस, 1,20,000 टन क्वार्ट्ज चूरा, 42,000 टन क्वार्ट्ज चिप्स और 20,000 टन चूना पत्थर जैसी सामग्री के लिए निविदाएं शामिल थीं। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में सिलिका सैंड, हाइड्रेटेड लाइम, क्विक लाइम, कास्टिक सोडा लाइ, पिग आयरन, बेरियम सल्फेट, फेरिक सल्फेट और सोडियम सल्फेट भी शामिल था।
वर्ष 2018 में बंद होने से पहले तुत्तुकुडी इकाई तांबा गलाने की देश की कुल क्षमता में लगभग 40 प्रतिशत और तमिलनाडु में सल्फ्यूरिक एसिड की 95 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी में योगदान करती थी।
कंपनी ने कहा है कि तुत्तुकुडी और तमिलनाडु के अन्य हिस्सों के स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं को वरीयता दी जाएगी। प्रासंगिक अनुभव, विशेषज्ञता, वित्तीय क्षमता, डिलिवरी क्षमताओं और पर्यावरणीय स्थिरता के मामले में दमदार प्रतिबद्धता वाले आपूर्तिकर्ताओं को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
12 जून वाला अभिरुचि पत्र इकाई के रखरखाव और इंतजाम के लिए था। इस अभिरुचि पत्र के दायरे में अवसंरचना और भवन का सुरक्षा आकलन और जांच, मरम्मत और सुधार, प्रमाणन के लिए ओईएम या विशेषज्ञों के साथ संपर्क, संयंत्र और मशीनरी का प्रतिस्थापन तथा डिजाइन क्षमता प्राप्त करने के लिए संयंत्र और मशीनरी चालू करना शामिल है। तुतुकुडी और उसके आसपास करीब 4,000 लोगों को (कुशल और अकुशल दोनों को) रोजगार देना चाह रही है।