facebookmetapixel
Gold-Silver Outlook: सोना और चांदी ने 2025 में तोड़े सारे रिकॉर्ड, 2026 में आ सकती है और उछालYear Ender: 2025 में आईपीओ और SME फंडिंग ने तोड़े रिकॉर्ड, 103 कंपनियों ने जुटाए ₹1.75 लाख करोड़; QIP रहा नरम2025 में डेट म्युचुअल फंड्स की चुनिंदा कैटेगरी की मजबूत कमाई, मीडियम ड्यूरेशन फंड्स रहे सबसे आगेYear Ender 2025: सोने-चांदी में चमक मगर शेयर बाजार ने किया निराश, अब निवेशकों की नजर 2026 पर2025 में भारत आए कम विदेशी पर्यटक, चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया वीजा-मुक्त नीतियों से आगे निकलेकहीं 2026 में अल-नीनो बिगाड़ न दे मॉनसून का मिजाज? खेती और आर्थिक वृद्धि पर असर की आशंकानए साल की पूर्व संध्या पर डिलिवरी कंपनियों ने बढ़ाए इंसेंटिव, गिग वर्कर्स की हड़ताल से बढ़ी हलचलबिज़नेस स्टैंडर्ड सीईओ सर्वेक्षण: कॉरपोरेट जगत को नए साल में दमदार वृद्धि की उम्मीद, भू-राजनीतिक जोखिम की चिंताआरबीआई की चेतावनी: वैश्विक बाजारों के झटकों से अल्पकालिक जोखिम, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूतसरकार ने वोडाफोन आइडिया को बड़ी राहत दी, ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर रोक

10 अरब डॉलर की नकदी लेकर बैठे हैं वीसी- पीई फंड

अर्थ के दमानी यह कहते हैं कि 2021-2022 के दौरान जिस तेजी से सौदे निपटाए जा रहे थे, वह टिकाऊ नहीं था।

Last Updated- December 25, 2023 | 2:51 PM IST
Private Equity
Representative Image

पिछले वर्षों में भारतीय स्टार्टअप में कॉरपोरेट प्रशासन में खामी के कई मसले भी सामने आए हैं, जिसकी वजह से निवेशक अब किसी निवेश पर निर्णय लेने से पहले वा​णि​ज्यिक और वित्तीय जांच-पड़ताल पर ज्यादा समय लगा रहे हैं।

वृदि्ध चरण की निवेश फर्म फंडामेंटम पार्टनर​शिप के सह-संस्थापक और जनरल पार्टनर आशीष कुमार कहते हैं, ‘किसी सौदे को कारगर रूप लेने में लगने वाला समय अब करीब 60 फीसदी तक बढ़ गया है। कानूनी और वित्तीय जांच-पड़ताल पर लगने वाला समय पहले के करीब दो महीने से बढ़कर अब तीन से चार महीने हो गया है।’

अर्थ के दमानी यह कहते हैं कि 2021-2022 के दौरान जिस तेजी से सौदे निपटाए जा रहे थे, वह टिकाऊ नहीं था।

उन्होंने कहा, ‘मेरे अनुभव के मुताबिक कम से कम जांच-पड़ताल के साथ तेजी से निवेश मानक नहीं था। अब हम यह देख रहे हैं कि ज्यादा पारंपरिक तरीके से सौदे 3 से 6 महीने में निपटाए जा रहे हैं, जिनमें कि ज्यादा गहराई से जांच-पड़ताल होती है। ’

स्टार्टअप की फंडिंग कम हो रही है, लेकिन निवेशकों का उत्साह कम नहीं है। कुछ निवेशकों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि अब कंपनियां वृदि्ध की जगह मुनाफा कमाने की क्षमता और मार्जिन में सुधार पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं, जिससे कि निवेशकों की धारणा भी मजबूत हुई है।

आशीष कुमार कहते हैं, ‘हम बहुत सक्रिय हैं। हमें लगता है कि यह पूंजी को लगाने का बेहतर समय है। कंपनियों के बुनियादी आंकड़ों में सुधार हुआ है, मूल्यांकन ज्यादा यथार्थवादी हुआ है और कंपनियां वास्तव में कुछ गंभीर अंतर कर सकने में सक्षम हुई हैं। ’

अब साल का अंत होने को है, ऐसे में कई पुराने वीसी फंड अपने फंड चक्र को भी समाप्त करने के करीब हैं। साल 2024 आईपीओ या अ​धिग्रहण के लिहाज से बेहतर हो सकता है। मजबूत आ​र्थिक दशाओं की वजह से ओला इलेक्ट्रिक, ओयो, पेयू, गरुड़ एरोस्पेस जैसी कई कंपनियां अगले साल आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं।

First Published - December 25, 2023 | 2:14 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट