टेलीविजन में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल की कीमतें चढ़ने से टेलीविजन विनिर्माता अब अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने लगे हैं। लैपटॉप और स्मार्टफोन की कीमतों में भी इजाफा हो सकता है। टीवी बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि ओपन सेल के दाम औसतन 15 फीसदी तक बढ़ गए हैं।
टीवी में ओपन सेल प्रमुख पुर्जा होता है और टेलीविजन की कुल लागत में इसकी हिस्सेदारी 60 से 65 फीसदी होती है। मोबाइल फोन में भी इसका उपयोग होता है, लेकिन वहां लागत में इसकी हिस्सेदारी टीवी के मुकाबले कम होती है। महंगे फोन में मार्जिन ज्यादा होता है, जिससे कंपनियां लागत में बढ़ोतरी का बोझ सह सकती हैं।
डिक्सन टेक्नोलॉजिज के प्रबंध निदेशक अतुल लाल ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पिछले साल ओपन सेल के दाम कम थे, लेकिन 2023 की शुरुआत से इसमें तेजी देखी जा रही है। जनवरी से अब तक इसके दाम 15 से 17 फीसदी तक बढ़ गए हैं।’
32 इंच के टीवी में इस्तेमाल होने वाला ओपन सेल करीब 27 डॉलर प्रति पैनल का पड़ता है। डिक्सन ठेके पर टीवी बनाती है। इसलिए उसने बढ़ी हुई लागत का पूरा भार अपने ग्राहकों पर डाल दिया है। लाल ने कहा कि चीन में 4 से 5 पैनल विनिर्माताओं के बीच गठजोड़ के कारण कीमतें बढ़ी हैं।
कोडक ब्रांड की लाइसेंसी कंपनी सुपर प्लास्ट्रॉनिक्स भी जून से टीवी के दाम 10 फीसदी बढ़ रही है। प्लास्ट्रॉनिक्स के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्याधिकारी (CEO) अवनीत सिंह मारवाह ने कहा, ‘पैनल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं और अब तक इसकी कीमत 25 से 30 फीसदी तक बढ़ चुकी है। इसके अलावा आपूर्ति की भी किल्लत है। इसलिए हम जून से अपने ब्रांड के टेलीविजन 10 फीसदी तक महंगे कर रहे हैं।’
मारवाह ने कहा कि कीमतों में औसत वृद्धि 15 फीसदी के दायरे में होगी। कंपनी को 43 इंच से बड़े स्क्रीन वाले टीवी की बिक्री अधिक होने की उम्मीद है, जिससे कीमतें और भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारी सीजन तक कीमतों में तेजी जारी रहने के आसार हैं क्योंकि ओपन सेल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
मगर ग्राहकों को कीमतों में वृद्धि का झटका तत्काल नहीं लगेगा क्योंकि खुदरा विक्रेताओं के पास 30 से 60 दिनों का स्टॉक मौजूद है। विजय सेल्स के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा, ‘पैनल (ओपन सेल) के दाम लगातार बढ़ रहे हैं मगर बाजार में टीवी की कीमतें अभी नहीं बढ़ी हैं। कीमत बढ़ोतरी का असर अगले एक या दो महीनों में दिखने लगेगा।’
प्रौद्योगिकी बाजार की अनुसंधान फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च की वरिष्ठ शोध एनालिस्ट अंशिका जैन ने कहा, ‘कंपनियां निकट भविष्य में कीमतें बढ़ाकर पुर्जों की कीमतों में तेजी के कारण बढ़ी हुई लागत का कुछ बोझ ग्राहकों के कंधों पर डाल सकती हैं। मगर उसका असर वैसा नहीं होगा जैसा पिछले साल दिखा था।’
हालांकि सरकार स्मार्टफोन और टीवी के पुर्जों के लिए आयात शुल्क घटाकर बढ़ी हुई लागत की कुछ हद तक भरपाई का प्रयास कर सकती है। सरकार ने इस साल के आरंभ में बजट पेश करते समय टीवी पैनल के ओपन सेल के कुछ हिस्सों पर बुनियादी आयात शुल्क 5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी करने की घोषणा की थी।
फिलहाल पुर्जों की कीमतों में तेजी से स्मार्टफोन अथवा लैपटॉप की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका नहीं है। इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के आंकड़ों के अनुसार 2022 के दौरान देश में स्मार्टफोन की आपूर्ति इससे पिछले साल के मुकाबले 10 फीसदी घटकर 14.4 करोड़ रह गई थी। ऐसा मुख्य तौर पर मुद्रास्फीति में तेजी और पुर्जों के दाम बढ़ने के कारण हुआ था।