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ट्रक निर्माताओं को उम्मीद, दूसरी छमाही में बिक्री होगी बहाल

Last Updated- December 15, 2022 | 8:04 PM IST

साल 2020-21 में वाणिज्यिक वाहनों की घरेलू बिक्री पिछले 10 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच सकती है फिर भी उद्योग को उम्मीद है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में स्थिति बेहतर होगी।
हालांकि आर्थिक मंदी, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में कमी और संशोधित एक्सेल मानकों ने वित्त वर्ष 2020 में वाहन क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया, लेकिन कोविड-19 से स्थिति और खराब हो गई। वित्त वर्ष 2020 में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 29 फीसदी की गिरावट आई और क्रिसिल रिसर्च के निदेशक हेतल गांधी को इस साल भी गिरावट आने की उम्मीद है। गांधी ने कहा, वित्त वर्ष 2021 में वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में 26-28 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है और इस तरह से यह गिरावट इस दशक की सबसे बड़ी गिरावट होगी।
वर्ष 2019-20 में संशोधित एक्सेल मानदंडों के कारण माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होने और सामान की मांग से सीमित समर्थन के कारण वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री प्रभावित हुई। गांधी बताते हैं कि इसके अतिरिक्त ट्रांसपोर्टर्स ने गैर-बैंक वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) द्वारा अधिक डाउन पेमेंट (कर्ज की कम मात्रा) लेने के कारण नए वाहन खरीदने से किनारा किया और पुराने वाहनों के बाजार में ट्रकों की बिक्री कीमत भी घट गई।
इस वर्ष आर्थिक वृद्धि की सुस्त रफ्तार और कोविड-19 के फैलने के कारण निजी खपत में गिरावट के चलते माल की मांग में गिरावट से वाहन खरीद प्रभावित रहेगी।
उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही से चीजों में सुधार होना चाहिए और वित्त वर्ष 2221-22 में उद्योग फिर से विकास के पथ पर आ जाएगा।  वोल्वो आयशर कॉमर्शियल व्हीकल्स के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्याधिकारी विनोद अग्रवाल को सितंबर या अक्टूबर से मांग बढऩे की उम्मीद है। उन्होंने कहा, वाहन क्षेत्र में देश में आज केवल 30-40 फीसदी क्षमता का ही उपयोग किया जा रहा है।
अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्याधिकारी विपिन सोढ़ी ने कहा कि सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों के लिए ‘निरंतर लाभकारी’ रहने और विशेष रूप से वाणिज्यिक वाहन उद्योग को पुनर्जीवित करने की क्षमता है।
सीएलएसए के विश्लेषकों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 22 में यात्री तथा वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में सुधार आएगा। फर्म के अनुसार, देश की सबसे बड़ी ट्रक निर्माता टाटा मोटर्स की बिक्री घटी है और वित्त वर्ष 2021 में मध्यम एवं भारी वाणिज्यिक वाहनों (एमऐंडएचसीवी) की संख्या में 13 फीसदी की गिरावट और हल्के वाणिज्यिक वाहन (एलसीवी) की संख्या में 15 फीसदी की गिरावट आई है। टाटा मोटर्स ने बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
सोढ़ी को उम्मीद है कि प्रत्येक तिमाही पिछली एक तिमाही से बेहतर होगी। उदाहरण के लिए उद्योग द्वारा दिए गए सुझावों में से एक, ग्रामीण सड़क, स्वच्छता एवं कम लागत वाले आवास बनाने का बुनियादी ढांचा कार्यक्रम इसमें मदद करेगी। लॉकडाउन में ढील मिलने से राज्यों की सीमाएं खुल रही हैं और आवश्यक तथा गैर-आवश्यक सामानों के निर्बाध परिवहन की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, आप देखेंगे आर्थिक गतिविधियां शुरू होने पर भारी ट्रक आवागमन में आ जाएंगे। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन इसका असर सभी वाणिज्यिक वाहन निर्माता कंपनियों पर पड़ेगा। किसान देश में कहीं भी सामान बेच सकता है जिसे कैबिनेट से भी मंजूरी मिल गई है। देखना होगा कि देशभर में कितने फसल उत्पादों की आवाजाही होती है। इससे मांग पैदा होगी और वाहन कंपनियों के लिए नए अवसर खुलेंगे। यह एक अवसर है और आगे बढ़कर इसे अपनाने वाले को लाभ होगा।

First Published - June 6, 2020 | 12:15 AM IST

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