टोयोटा किर्लोस्कर मोटर लागत घटाने और हाइब्रिड मॉडल के वाहनों को किफायती बनाने के लिए भारत में ही हाइब्रिड सिस्टम का विनिर्माण शुरू करना चाहती है। कंपनी सुजूकी मोटर कॉर्पोरेशन और टोयोटा मोटर के बीच गठजोड़ के तहत यह सिस्टम मारुति सुजूकी को भी देगी। मार्च 2018 में दोनों कंपनियों ने भारतीय बाजार में एक-दूसरे के हाइब्रिड और अन्य वाहनों की आपूर्ति का समझौता किया था।
जब टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन से पूछा गया कि कंपनी भारत में हाइब्रिड प्रणाली का विनिर्माण करेगी या असेंबल करेगी तो उन्होंने कहा, ‘हम समूची हाइब्रिड प्रणाली भारत में ही बनाने जा रहे हैं। इसकी योजना हमने कोविड-19 से पहले ही बना ली थी।’ टोयोटा फिलहाल भारत में वेलफायर, प्रियस और कैमरी हाइब्रिड वाहन बेच रही है। लेकिन ये कारें महंगी होने की वजह से इनकी बिक्री काफी कम है। विश्वनाथन ने कहा कि असल में हाइब्रिड वाहनों के आयात पर देश में कर काफी ज्यादा लगता है, जिससे उसके दाम अधिक हो जाते हैं। स्थानीय स्तर पर इनके विनिर्माण से कुल लागत में कमी आएगी।
इस बीच कोविड के बाद बाजार की स्थिति को देखते हुए सुजूकी मोटर और टोयोटा एक-दूसरे के वाहनों की आपूर्ति की समयसीमा बदल रही हैं। विश्वनाथन ने कहा, ‘हमने इसकी घोषणा पिछले साल की थी। निर्णय पर अभी काम चल रहा है और समयसीमा संशोधित की जा रही है।’
इस साल मई में मारुति ने कहा था कि उसके निदेशक मंडल ने एसयूवी विटारा ब्रेजा के मॉडल की आपूर्ति टोयोटा किर्लोस्कर को करने की मंजूरी दी है। इसी तरह टोयोटा किर्लोस्कर को कोरोला की आपूर्ति मारुति सुजूकी को करनी थी। लेकिन किसी भी कंपनी ने अभी तक एक-दूसरे को आपूर्ति नहीं की है और बलेनो एकमात्र कार है जिसका मॉडल दोनों कंपनियां अपने-अपने ब्रांड से बेचती हैं। टोयोटा इसे ग्लैंजा नाम से बेचती है।
आईएचएस मार्किट के एसोसिएट निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा कि डीजल की टक्कर में हाइब्रिड तकनीक टोयोटा-सुजूकी की रणनीति है। 2021 या 2022 में दोनों कंपनियां 7 लाख से 25 लाख रुपये तक के हाइब्रिड वाहन ला सकती हैं। उन्होंने कहा कि मारुति ने 1 अप्रैल, 2020 से डीजल कारों की बिक्री बंद कर दी है और टोयोटा ने भी इटियॉस तथा लिवा के डीजल मॉडल बंद कर दिए हैं।
टाटा मोटर्स और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने भी इलेक्ट्रिक वाहन लाने की घोषणा की है। हालांकि टोयोटा, सुजूकी तथा होंडा जैसी जापानी कंपनियां हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा दे रही हैं।
स्थानीय स्तर पर हाइब्रिड प्रणाली के उत्पादन का समय पूछे जाने पर विश्वनाथन ने कहा, ‘यह धीरे-धीरे आगे बढऩे वाली प्रक्रिया है और जब हम इस दिशा में आगे बढ़ेंगे, उसके बारे में बताया जाएगा। हम इसके लिए कोई समयसीमा तय नहीं कर सकते हैं।’
टोयोटा किर्लोस्कर ने कोविड संकट से उबरने के लिए लागत सीमित करने के लिए कई उपाय किए हैं। इस माह की शुरुआत में कंपनी ने अपने कर्मचारियों के अवैतनिक अवकाश की योजना शुरू की थी। इसके तहत कर्मचारियों को छह महीने से एक साल तक का अवकाश लेने की अनुमति दी गई है।