कोविड-19 वैश्विक महामारी की चुनौतियों से उबरते हुए कारोबार को सुधार की राह पर लाने की कोशिश कर रहीं भारतीय विमानन कंपनियों को कर्मचारियों के विरोध का तगड़ा झटका लगा है। पिछले दो वर्षों से कम वेतन पर काम करने वाले विमानन कर्मचारी अपने कोविड-पूर्व वेतन को बहाल करने की मांग कर रह हैं।
इंडिगो और गो फर्स्ट के विमान रखरखाव तकनीशियनों का एक महत्त्पूर्ण वर्ग अपने कम वेतन के विरोध में पिछले एक सप्ताह में बीमारी का बहाना बनाकर छुट्टी पर चला गया है। हालांकि, कुछ घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो कर्मचारियों की कमी के बावजूद दोनों विमानन कंपनियां अपनी उड़ानों को बरकरार रखने रखने में सफल रहीं।
जेट एयरवेज के नए अवतार आकाश एयर और टाटा के स्वामित्व वाली विमानन कंपनी एयर इंडिया द्वारा शुरू की गई नियुक्ति प्रक्रिया में भाग लेने के कारण भी इन विमानन कंपनियों के कर्मचारियों के बीच सरगर्मी की वजह बताई जा रही है।
2 जुलाई को इंडिगो की करीब 55 फीसदी घरेलू उड़ान सेवा में देरी हुई क्योंकि बड़ी तादाद में उसके चालक दल के सदस्य छुट्टी पर चले गए थे। सूत्रों का कहना है कि वे कथित तौर पर एयर इंडिया की भर्ती में शामिल होने गए थे।
