facebookmetapixel
बाबा रामदेव की FMCG कंपनी दे रही है 2 फ्री शेयर! रिकॉर्ड डेट और पूरी डिटेल यहां देखेंभारत-अमेरिका फिर से व्यापार वार्ता शुरू करने को तैयार, मोदी और ट्रंप की बातचीत जल्दGold-Silver Price Today: रिकॉर्ड हाई के बाद सोने के दाम में गिरावट, चांदी चमकी; जानें आज के ताजा भावApple ‘Awe dropping’ Event: iPhone 17, iPhone Air और Pro Max के साथ नए Watch और AirPods हुए लॉन्चBSE 500 IT कंपनी दे रही है अब तक का सबसे बड़ा डिविडेंड- जान लें रिकॉर्ड डेटVice President Election Result: 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिलेनेपाल में सोशल मीडिया बैन से भड़का युवा आंदोलन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने दिया इस्तीफापंजाब-हिमाचल बाढ़ त्रासदी: पीएम मोदी ने किया 3,100 करोड़ रुपये की मदद का ऐलाननेपाल में हिंसक प्रदर्शनों के बीच भारत ने नागरिकों को यात्रा से रोका, काठमांडू की दर्जनों उड़ानें रद्दUjjivan SFB का शेयर 7.4% बढ़ा, वित्त वर्ष 2030 के लिए मजबूत रणनीति

परमाणु संयंत्र के लिए गठजोड़

Last Updated- December 09, 2022 | 10:16 PM IST

भारत की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन और इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने भारत में परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए अमेरिका स्थित वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के साथ समझौता किया है।


एल ऐंड टी के हैवी इंजीनियरिंग बिजनेस प्रमुख एम. वी. कोटवाल ने कहा, ‘ दोनों कंपनियां भारत में प्रस्तावित 1000 मेगावाट रिएक्टर बनाने की योजना पर विचार कर रही है और साझेदारी की रूपरेखा तय होना बाकी है।’

उन्होंने कहा, ‘यह अभी पहला कदम है। अभी परमाणु संयंत्र के आकार और उसकी संचालन प्रक्रिया के बारे में आधिकारिक घोषणा करनी है।’

मालूम हो कि पिछले साल भारत ने अमेरिका के साथ परमाणु करार पर हस्ताक्षर किया था और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय परमाणु कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझीदारी कर इस संबंध में काम करने के लिए उत्साहित है।

उल्लेखनीय है कि वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक प्रमुख परमाणु उपकरण निर्माण कंपनी तोशिबा कॉरपोरेशन की एक इकाई है। विश्व में कुल परमाणु उपकरण निर्माण का करीब 40 फीसदी का निर्माण तोशिबा ही करती है। साथ ही अमेरिका में करीब 60 फीसदी परमाणु संयंत्रों का संचालन भी यही कंपनी करती है।

कोटवाल ने कहा कि रिएक्टरों में 600 से 800 अरब डॉलर निवेश का उनमान है। इससे पहले एलएंडटी ने जापान की मित्शुबिशी के साथ ही 880 करोड़ रुपये की थर्मल पावर उपकरण निर्माण के लिए समझौता किया है।

भारत में बिजली की खराब स्थिति को देखते हुए परमाणु ऊर्जा की जरूरत महसूस की जा रही है। भारत में व्यस्ततम घंटों में बिजली की 16 फीसदी कमी हो जाती है। इसलिए भारत के संदर्भ में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में काफी संभावनाएं देखी जा रही है।

परमाणु ऊर्जा के विस्तार के तहत निजी क्षेत्र की कंपनियों सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनियों के साथ मिलकर कम हिस्सेदारी में काम करने का प्रावधान है। दोनों कंपनियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि तोशिबा वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन की इकाई 1000 एपी हल्की वाटर रिएक्टर आपूर्ति करेगी।

इसी रिएक्टर का इस्तेमाल अमेरिका और चीन में भी होता है। वेस्टिंग हाउस के कंट्री हेड मीना मुटयाला ने कहा, ‘हमलोग भारत में इस क्षेत्र में लागत और इसे पूरा होने की समयावधि का पता लगाने के लिए स्थानीय सहयोगी की तलाश कर रही है।’

ऐल ऐंड टी ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में निर्माणकारी गतिविधियों में उल्लेखनीय काम किया है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालात में कंपनी को तरलता संकट से जूझना पड़ रहा है।

अमेरिकी कंपनियों से करार

भारत सरकार ने परमाणु उपकरण बनाने वाली अमेरिकी कंपनियों को 10 हजार मेगावाट क्षमता की परमाणु उपकरण आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया है। भारत की 2020 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता 30 हजार मेगावाट बढ़ाने की योजना है।

अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस के उपाध्यक्ष मीना मुतायला ने कहा, ‘अभिरुचि पत्र के मुताबिक भारत सरकार ने कहा है कि उसे अमेरिकी कंपनियों से 10 हजार मेगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लिए उपकरणों की जरूरत है।

लेकिन साइट और ऑर्डर निर्धारित होने में वक्त लगेगा।’ जीई हिटैची के स्टीव ह्यूसिक ने कहा, ‘भारत ने अभी संकेत नहीं दिया है कि किस कंपनी को कितना ऑर्डर मिलेगा।’

First Published - January 16, 2009 | 11:18 PM IST

संबंधित पोस्ट