दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को होने वाली गॉडफ्रे फिलिप्स की सालाना आम बैठक (एजीएम) में अपनी दादी वीणा मोदी को मतदान से रोकने वाली रुचिर मोदी की याचिका आज खारिज कर दी। अदालत ने वीणा मोदी को कंपनी के प्रबंध निदेशक के तौर पर प्राप्त पारिश्रमिक और लाभों के बारे में छमाही आधार पर हलफनामा दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
न्यायालय ने यह भी कहा है कि अगर अदालत प्रबंध निदेशक के तौर पर उनकी नियुक्ति के खिलाफ कोई आदेश देती है तो उन्हें इक्विटी का दावा किए बगैर अपना इस्तीफा देना होगा और यह जानकारी को शुक्रवार को होने वाली एजीएम में भी बतानी होगी।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी ने अपनी दादी को केके मोदी फैमिली ट्रस्ट में मैनेजिंग ट्रस्टी के पद से हटाने की मांग की थी। उन्होंने यह भी मांग रखी कि ट्रस्ट की परिसंपत्तियों को बेचने और उसकी मिली शुद्ध रकम को परिवार के चारों हिस्सों में बांटने के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया जाए।
अदालत का फैसला कंपनी की सालाना आम बैठक से एक दिन पहले आया है, जिसमें वीणा मोदी को केके मोदी फैमिली ट्रस्ट की ओर से मतदान की अनुमति दी गई है। कंपनी में ट्रस्ट की करीब 47.5 फीसदी हिस्सेदारी है और साझेदार वैश्विक दिग्गज कंपनी फिलिप मॉरिस इंटरनैशनल के पास 25 फीसदी से थोड़ी अधिक हिस्सेदारी है।