facebookmetapixel
SEBI का नया प्रस्ताव: म्युचुअल फंड फोलियो खोलने और पहली बार निवेश के लिए KYC वेरिफिकेशन जरूरीChhath Puja 2025: छठ पूजा में घर जानें में नहीं होगी दिक्कत! रेलवे चला रही है 5 दिन में 1500 स्पेशल ट्रेनें2400% का तगड़ा डिविडेंड! टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, कब होगा भुगतान?अब अपने खाते का बना सकेंगे चार नॉमिनी! 1 नवंबर से होने जा रहा है बड़ा बदलाव, जानें हर एक डिटेलColgate Q2FY26 Result: मुनाफा 17% घटकर ₹327.5 करोड़ पर आया, ₹24 के डिविडेंड का किया ऐलानNPS और APY धारक दें ध्यान! PFRDA ने पेंशन सिस्टम में ‘डबल वैल्यूएशन’ का रखा प्रस्ताव, जानें क्या है यहभारतीय अर्थव्यवस्था FY26 में 6.7-6.9% की दर से बढ़ेगी, Deloitte ने बढ़ाया ग्रोथ का अनुमानघर बैठे जमा करें जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन बिना रुके पाएं, जानें कैसेरूस तेल कंपनियों पर प्रतिबंध से रिलायंस को लग सकता है झटका, सरकारी रिफाइनरियों को फिलहाल राहत!NFO Alert: Kotak MF ने उतारा नया निफ्टी केमिकल्स ईटीएफ, ₹5,000 से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?

FY23 में CSR की बची राशि 5 साल में सबसे अधिक, कंपनियों ने खर्च नहीं किए 1,475 करोड़ रुपये

इन सूचीबद्ध कंपनियों ने सीएसआर परियोजनाओं के लिए जरूरी हरेक 100 रुपये के लिए 99 का आवंटन किया। यह पिछले पांच साल में सबसे कम अनुपात है।

Last Updated- August 19, 2024 | 10:25 PM IST
Unspent CSR funds hit five-year high of Rs 1,475 crore in FY23, shows data FY23 में CSR की बची राशि 5 साल में सबसे अधिक, कंपनियों ने खर्च नहीं किए 1,475 करोड़ रुपये

सभी सूचीबद्ध कंपनियों ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) क्षेत्रों पर आवश्यक राशि खर्च नहीं की है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान बिना खर्च वाली यह राशि पांच साल के ऊंचे स्तर 1,475 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

कॉरपोरेट ट्रैकर प्राइमइन्फोबेस डॉटकॉम के आंकड़ों से पता चलता है कि सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान सीएसआर खर्च पर 15,602 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि उन्हें 15,787 करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत थी। इस तरह से कंपनियों ने अनिवार्य राशि से 185 करोड़ रुपए कम खर्च किए। कुछ कंपनियों ने निर्धारित राशि से अधिक भी खर्च की जबकि अन्य ने आवश्यक राशि भी खर्च नहीं की।

प्राइमइन्फोबेस डॉटकॉम ने कंपनियों की वार्षिक रिपोर्टों से ये आंकड़े लिए हैं। इनके अनुसार 1,475 करोड़ रुपये उन कंपनियों ने खर्च नहीं किए जिनको सीएसआरके तहत अनिवार्य रुप से राशि खर्च करनी थी।

शुद्ध लाभ, कारोबार और नेटवर्थ के आधार पर नियम पूरे करने वाली कंपनियों को पर्यावरण, स्वास्थ्य, कौशल विकास, पेयजल और स्वच्छता से संबंधित पहलों जैसी सीएसआर गतिविधियों पर पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना आवश्यक है।इस आंकड़े में एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली सभी कंपनियों को शामिल किया गया है।

इन सूचीबद्ध कंपनियों ने सीएसआर परियोजनाओं के लिए जरूरी हरेक 100 रुपये के लिए 99 का आवंटन किया। यह पिछले पांच साल में सबसे कम अनुपात है। वित्त वर्ष 2020 में इन कंपनियों ने हरेक जरूरी 100 रुपये के लिए 111 रुपये खर्च किए थे।

वित्त वर्ष 2023 में औसतनर हरेक कंपनी ने सीएसआर पर 11.29 करोड़ रुपये खर्च किए जो वित्त वर्ष 2022 से 4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021 से 9 प्रतिशत कम है। एकीकृत आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों ने सीएसआर पर अपने शुद्ध लाभ का 1.91 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया, जो निर्धारित जरूरत से कम है। नैशनल सीएसआर पोर्टल के अनुसार चूक से जुड़ी कंपनियों (जिनका व्यय निर्धारित मात्रा से कम रहा) की संख्या 4,855 है जो कुल कंपनियों का 20 प्रतिशत है।

First Published - August 19, 2024 | 10:24 PM IST

संबंधित पोस्ट