सभी सूचीबद्ध कंपनियों ने कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) क्षेत्रों पर आवश्यक राशि खर्च नहीं की है। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2023 के दौरान बिना खर्च वाली यह राशि पांच साल के ऊंचे स्तर 1,475 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
कॉरपोरेट ट्रैकर प्राइमइन्फोबेस डॉटकॉम के आंकड़ों से पता चलता है कि सूचीबद्ध कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 के दौरान सीएसआर खर्च पर 15,602 करोड़ रुपये खर्च किए जबकि उन्हें 15,787 करोड़ रुपये खर्च करने की जरूरत थी। इस तरह से कंपनियों ने अनिवार्य राशि से 185 करोड़ रुपए कम खर्च किए। कुछ कंपनियों ने निर्धारित राशि से अधिक भी खर्च की जबकि अन्य ने आवश्यक राशि भी खर्च नहीं की।
प्राइमइन्फोबेस डॉटकॉम ने कंपनियों की वार्षिक रिपोर्टों से ये आंकड़े लिए हैं। इनके अनुसार 1,475 करोड़ रुपये उन कंपनियों ने खर्च नहीं किए जिनको सीएसआरके तहत अनिवार्य रुप से राशि खर्च करनी थी।
शुद्ध लाभ, कारोबार और नेटवर्थ के आधार पर नियम पूरे करने वाली कंपनियों को पर्यावरण, स्वास्थ्य, कौशल विकास, पेयजल और स्वच्छता से संबंधित पहलों जैसी सीएसआर गतिविधियों पर पिछले तीन वित्तीय वर्षों के दौरान अपने औसत शुद्ध लाभ का कम से कम दो प्रतिशत खर्च करना आवश्यक है।इस आंकड़े में एनएसई और बीएसई पर सूचीबद्ध 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बाजार पूंजीकरण वाली सभी कंपनियों को शामिल किया गया है।
इन सूचीबद्ध कंपनियों ने सीएसआर परियोजनाओं के लिए जरूरी हरेक 100 रुपये के लिए 99 का आवंटन किया। यह पिछले पांच साल में सबसे कम अनुपात है। वित्त वर्ष 2020 में इन कंपनियों ने हरेक जरूरी 100 रुपये के लिए 111 रुपये खर्च किए थे।
वित्त वर्ष 2023 में औसतनर हरेक कंपनी ने सीएसआर पर 11.29 करोड़ रुपये खर्च किए जो वित्त वर्ष 2022 से 4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2021 से 9 प्रतिशत कम है। एकीकृत आधार पर सूचीबद्ध कंपनियों ने सीएसआर पर अपने शुद्ध लाभ का 1.91 प्रतिशत हिस्सा खर्च किया, जो निर्धारित जरूरत से कम है। नैशनल सीएसआर पोर्टल के अनुसार चूक से जुड़ी कंपनियों (जिनका व्यय निर्धारित मात्रा से कम रहा) की संख्या 4,855 है जो कुल कंपनियों का 20 प्रतिशत है।