निर्माण के सरकारी ठेके देने के लिए निविदा की प्रक्रिया बिगड़ चुकी है और उसे फौरन दुरुस्त करने की जरूरत है ताकि बढ़ती लागत पर अंकुश लगाया जा सके। यह बात देश की सबसे बड़ी निर्माण एवं इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो के गैर-कार्यकारी चेयरमैन अनिल एम नाइक ने कही।
नाइक बुधवार को बतौर गैर-कार्यकारी चेयरमैन आखिरी बार एलऐंडटी के शेयरधारकों से मुखातिब होंगे। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वह निविदा प्रणाली को दुरुस्त करने या राष्ट्रीय हित की किसी अन्य परियोजना के लिए सरकार के साथ काम करने को तैयार हैं बशर्तें उन्हें नई दिल्ली के चक्कर न लगाने पड़ें।
नाइक ने खास बातचीत में कहा, सऊदी अरब से एलऐंडटी को अरबों डॉलर के ठेके मिल रहे हैं, लेकिन बड़े ठेके कई हिस्सों में बांटकर अलग-अलग कंपनियों को दिए जा रहे हैं। ऐसे में कम अनुभव वाली कंपनियां पीछे रह जाती हैं और पूरी परियोजना में देर हो जाती है।’ उन्होंने कहा, ‘अक्सर कम अनुभव वाली कंपनियां कम बोली लगाकर परियोजना पा लेती हैं। मगर वे परियोजना को समय पर पूरी नहीं कर पातीं। राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए इसमें बदलाव की जरूरत है।’
उदाहरण के लिए दक्षिण मुंबई से हवाई अड्डे को जोड़ने वाली 37,000 करोड़ रुपये की मुंबई मेट्रो 3 परियोजना के दो हिस्से एलऐंडटी लगभग पूरे कर चुकी है, लेकिन इस परियोजना के कई हिस्से दूसरी कंपनियां अभी तक पूरे नहीं कर पाई हैं। इससे परियोजना चालू होने में देर हो रही है।
नाइक ने कहा, ‘भारत में हम प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए परियोजना को कई हिस्सों में बांट देते हैं। मगर हमने देखा है कि तकनीकी तौर पर कम अनुभवी ठेकेदार अक्सर परियोजना पूरी करने में नाकाम रहते हैं। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को निविदा प्रक्रिया सुधारनी चाहिए ताकि परियोजनाएं समय पर पूरी हो सकें। साथ ही लागत भी न बढ़ने दी जाए क्योंकि इसका खमियाजा अंतत: जनता को ही भुगतना पड़ता है।’
नाइक ने 1999 में जब सीईओ एवं एमडी के तौर पर एलऐंडटी की कमान संभाली थी तो कंपनी का बाजार मूल्यांकन 4,000 करोड़ रुपये था। मगर अब वह बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। इसका श्रेय नाइक को दिया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए राजमार्गों, बुलेट ट्रेन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ देश में बुनियादी ढांचा क्षेत्र की तस्वीर ही बदल डाली है।
नाइक ने कहा, ‘कई दलों के गठबंधन वाली सरकार कारोबार के लिहाज से ठीक नहीं होती। 1990 के दशक जैसी गठबंधन सरकार आने से अराजकता को बढ़ावा मिलता है। भारत में विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने में मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड अनुकरणीय है।’
जनवरी में किए गए एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए नाइक ने कहा कि सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता के तौर पर मोदी की रेटिंग सबसे अधिक 78 फीसदी है। वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की 40 फीसदी रेटिंग से बहुत आगे हैं। नाइक ने कहा, ‘अगर भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ना है तो हमें मजबूत नेतृत्व की जरूरत है और मोदी जैसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले नेता को हटाने का कोई भी प्रयास देश के लिए अच्छा नहीं है।’
नाइक ने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद वह अगले साल तक एलऐंडटी माइंडट्री के चेयरमैन की अपनी भूमिका में व्यस्त रहेंगे और उसके बाद कंपनी की कमान एलऐंडटी के एमडी एवं सीईओ एसएन सुब्रमण्यन को सौंप देंगे। नाइक एलऐंडटी एम्प्लॉयी ट्रस्ट के चेयरमैन भी बने रहेंगे। इस ट्रस्ट की एलऐंडटी में 13.7 फीसदी हिस्सेदारी है। एलऐंडटी के 10,000 करोड़ रुपये के शेयरों की पुनर्खरीद पूरी होने पर ट्रस्ट की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 14 फीसदी होने का अनुमान है।
नाइक मुंबई और दक्षिणी गुजरात में स्कूल एवं अस्पताल की स्थापना जैसे अपने व्यक्तिगत धर्मादा कार्यों पर भी नजर रखेंगे।