टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के नए अध्ययन से पता चला है कि 10 में से छह से ज्यादा उपभोक्ता अपनी अगली खरीद के लिए इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पर विचार कर सकते हैं। टीसीएस फ्यूचर-रेडी ईमोबिलिटी स्टडी 2025 शीर्षक वाले इस अध्ययन में बताया गया है कि साल 2025 ईवी का वर्ष होगा।
अध्ययन के अनुसार इस बात की ज्यादा संभावना है कि 35 वर्ष से कम आयु वाले उपभोक्ता ईवी खरीदने पर विचार करेंगे जबकि 18 से 35 आयु वर्ग के अधिकांश उपभोक्ता बिक्री के लिए ईवी की मौजूदा पसंद से संतुष्ट हैं। अध्ययन में 1,300 से ज्यादा वैश्विक ईवी हिस्सेदारों का सर्वेक्षण किया गया।
इनमें विनिर्माता, चार्जिंग का बुनियादी ढांचा विकसित करने वाले, वाणिज्यिक बेड़ा अपनाने वाले, प्रभावशाली लोग और उपभोक्ता शामिल थे। उत्तरदाता उत्तर अमेरिका (अमेरिका, कनाडा), ब्रिटेन और आयरलैंड, महाद्वीप यूरोप और एपीएसी (चीन, भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड) में फैले हुए थे।
चुनौतियों की सूची में वाहन और रखरखाव की लागत, चार्जिंग का समय, चार्जिंग का बुनियादी ढांचा और रेंज कुछ ऐसे कारक थे जिन पर उपभोक्ता ईवी खरीदते पर विचार करते समय ध्यान में रखेंगे। अध्ययन में कहा गया है कि चार्जिंग का बुनियादी ढांचा बनाने वालों में से 72 प्रतिशत का मानना है कि उनकी कंपनियों के बीच विलय और अधिग्रहण, खरीद आदि के रूप में महत्त्वपूर्ण एकीकरण की संभावना अधिक है। उन्होंने समेकन के लिए प्रमुख कारणों के रूप में आर्थिक व्यावहारिकता, बड़े स्तर पर काम करने की क्षमता और अधिक लाभ की तरफ इशारा किया।
अध्ययन के अनुसार 90 प्रतिशत ईवी विनिर्माताओं का मानना था कि बैटरी प्रौद्योगिकी में सुधार से इलेक्ट्रिक वाहनों की रेंज और चार्जिंग गति बढ़ेगी। निकट भविष्य में ईवी के डिजाइन और प्रदर्शन पर भी इसका महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। 74 प्रतिशत विनिर्माताओं ने कहा कि चार्जिंग ढांचे की उपलब्धता ईवी बाजार की वृद्धि को सीमित करने वाली सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है।
करीब 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने चार्जिंग ढांचे को बड़ी चुनौती बताया जबकि उनमें से 64 प्रतिशत ने ईवी को अपने अगले वाहन के रूप में चुनने की संभावना जताई। इसके साथ ही 56 प्रतिशत प्रतिभागी पारंपरिक वाहनों की तुलना में ईवी के लिए 40,000 डॉलर तक का भुगतान करने को तैयार हैं। दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका में 72 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने अपने अगले वाहन के रूप में ईवी खरीदने की संभावना जताई है।