सर्वोच्च न्यायालय को दिए अपने हलफनामे में मिस्त्री की कंपनियों ने कहा है कि टाटा संस की सूचीबद्घ सहायक इकाई टीसीएस के बोर्ड ने साइरस मिस्त्री को हटाने के लिए बोर्ड बैठक आयोजित नहीं की थी, बल्कि वह ऐसा करने के लिए टाटा संस के एक अधिकारी के निर्देश पर निर्भर रहा।
टीसीएस हालांकि मिस्त्री बनाम टाटा मामले के लिए पक्ष नहीं थी, लेकिन एनसीएलएटी के आदेश से परेशान होने का दावा करते हुए इस सॉफ्टवेयर निर्यातक ने सर्वोच्च न्यायालय में अनुरोध दर्ज कराया। इस तरह से टीसीएस का बोर्ड अब विभिन्न अनियमितताओं (पहले टीसीएस के चेयरमैन और फिर निदेशक के तौर पर मिस्त्री को हटाने) के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जवाबदेह बन गया है।
दिसंबर 2019 में, जहां टाटा-मिस्त्री की कानूनी लड़ाई पर फैसला सुनाते हुए एनसीएलएटी ने मिस्त्री को टीसीएस के निदेशक के तौर पर बहाल किया था, वहीं टीसीएस इस आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में पहुंच गई थी।
