भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने उन लैटरल नियुक्तियों के लिए एनिवर्सरी वेतन वृद्धि (जिसमें वे कर्मचारी आते हैं जो कंपनी में शामिल होने के ठीक एक साल बाद वेतन वृद्धि के हकदार होते हैं) बंद कर दी है, जिनके तहत कर्मचारी कंपनी में एक साल पूरा करते हैं। यह बदलाव 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी है। इसके बजाय कंपनी अब सालाना वेतन वृद्धि के उद्योग मानकों पर अमल करेगी। इस घटनाक्रम से अवगत सूत्रों के अनुसार, एनिवर्सरी सैलरी हाइक फ्रेशरों को हमेशा की तरह दी जाएगी।
टीसीएस के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमने हमेशा से उद्योग मानकों के अनुरूप वेतन वृद्धि की थी। महामारी के दौरान भी, हमने सुनिनिश्चत किया कि हमारी वेतन वृद्धि चक्र प्रभावित न हो। सभी अनुभव संबंधित नए कर्मियों को सालाना वेतन अप्रेजल के तहत बढ़ोतरी का लाभ दिया जाएगा, जो उनकी एक वर्षीय अवधि पर अमल करता है।’
कंपनी से यह बयान तब आया है जब कई कर्मचारियों को ऐसा ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें कहा गया कि उन्हें एनिवर्सरी वेतन वृद्धि नहीं दी जाएगी।
इस पत्र में कहा गया, ‘पहली एनिवर्सरी से संबंधित टीसीएस पॉलिसी में ताजा संशोधन किया गया है। 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी, सभी ईपी नियुक्तियों (1 अप्रैल, 2022 या उसके बाद) से जुड़े कर्मचारियों को पहला साल पूरा होने पर वेतन वृद्धि का पत्र नहीं मिलेगा। पहली वेतन वृद्धि बाद के सालाना वृद्धि चक्र (अप्रैल 2023) में होगी।’
ये बदलाव ऐसे समय में सामने आए हैं, जब उद्योग अपने प्रमुख बाजार से मांग में कमी देख रहा है और बजट पर दबाव बना हुआ है तथा सौदे पूरा होने में समय लग रहा है। उद्योग विश्लेषकों और एचआर प्रमुखों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में कंपनियां अपने कर्मचारियों को एनिवर्सरी वेतन वृद्धि नहीं देती है। पेज एक्जीक्यूटिव इंडिया के प्रमुख अंशुल लोढा ने कहा, ‘सभी क्षेत्रों की करीब 99 प्रतिशत कंपनियों में एनिवर्सरी वेतन वृद्धि हीं दी जाती है। या तो उन्हें सालाना वृद्धि मिलती है या वित्त वर्ष या फिर तिमाही आधार पर वैरिएबल भुगतान के तौर पर।’
कंपनी के अधिकारियों और टीसीएस में काम कर चुके लोगों के अनुसार, कंपनी लैटरल नियुक्तियों के लिए एनिवर्सरी वृद्धि पाने वाले कर्मचारी सालाना वेतन वृद्धि पाने के भी हकदार थे। लोढा का मानना है कि अमेरिकाऔर यूरोप जैसे प्रमुख बाजारों में मंदी से कंपनियां लागत नियंत्रण के सभी प्रयासों पर विचार कर रही हैं, जिससे कि उनके मार्जिन पर ज्यादा दबाव न पड़ सके। वित्त वर्ष 2021 के लिए, टीसीएस में 40,185 कर्मचारी जोड़े गए थे। कंपनी ने लैटरल और फ्रेशर का विवरण नहीं दिया है। हालांकि उसकी नियुक्तियां फ्रेशरों पर केंद्रित रही हैं। वित्त वर्ष 2021 में फ्रेशर नियुक्तियों की संख्या 39,000 थी।
प्रतिभाओं को बनाए रखने के लिए ज्यादा वेतन देने और ऊंची एट्रीशन दर से भारतीय आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों का मार्जिन प्रभावित हुआ है।