देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के नेतृत्व में एक कंसोर्टियम भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) को 4जी उपकरण मुहैया करने के सौदे के अंतिम चरण में पहुंच गया है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि सौदा 2.9 अरब डॉलर यानी करीब 24,500 करोड़ रुपये का है। इसके लिए बीएसएनएल के बोर्ड से आवश्यक मंजूरी मिल गई हैं और मंत्रिसमूह की मुहर लगना बाकी है।
बीएसएनएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मार्च के पहले पखवाड़े में यह मंजूरी भी मिल सकती है। हमने अपनी ओर से सभी आवश्यक जानकारी जमा करा दी है।’
सौदे के अनुसार कंसोर्टियम 1 लाख नए दूरसंचार टावर के लिए 4जी उपकरण उपलब्ध कराएगा। इस कंसोर्टियम में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट) और तेजस नेटवर्क्स शामिल हैं। इन उपकरणों में नेटवर्क गियर और तीसरे पक्ष का सामान शामिल है, जिनकी कीमत करीब 13,000 करोड़ रुपये होगी। इस मामले को करीब से जानने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘टीसीएस नए टावरों के लिए 10 साल तक रखरखाव सेवा भी उपलब्ध कराएगी।’
इस बाबत जानकारी के लिए टीसीएस को भेजे गए ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया। मगर टीसीएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘बाजार के कयासों पर टिप्पणी करना हमारी नीति नहीं है।’
कंसोर्टियम ने पिछले साल नवंबर में प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट सफलतापूर्वक जमा कराया था, जिसके बाद माना जा रहा था कि उसी की इकलौती बोली होगी। मगर बेंगलूरु की सरकारी दूरसंचार उपकरण विनिर्माता आईटीआई भी अंतिम समय में इस दौड़ में शामिल हो गई।
एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘तकनीकी बोली को काफी पहले मंजूरी दे दी गई थी लेकिन यह वाणिज्यिक विवरण में अटकी हुई थी। अब इसे सभी मंजूरी मिल गई हैं।’
बीएसएनएल ने निजी क्षेत्र की तीन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं- रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, और वोडाफोन आइडिया- के बाद अपनी 4जी सेवा लाने की योजना बनाई है। इसके लिए नए टावर स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
दूरसंचार विभाग ने कंपनी को देश भर में जल्द 4जी सेवा शुरू करने और उपयोगकर्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि इससे बीएसएनएल को अपनी छवि बेहतर करने में मदद मिलेगी। मगर इस योजना में बार-बार देर हो रही है।
सूत्रों ने बताया कि बीएसएनएल के लिए 4जी सेवा शुरू करने की अंतिम समयसीमा अगस्त 2023 और 5जी की समयसीमा 2023 के आखिर तक है।
दूरसंचार विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सरकार को दिसंबर तक 24,600 से अधिक गांवों तक बीएसएनएल की 4जी सेवा पहुंचने की उम्मीद है। इनमें अधिकतर गांव दूरदराज के इलाकों में हैं। बीएसएनएल देश के उन 45,180 गांवों में टावर स्थापित करने को प्राथमिकता देगी, जो अब तक 4जी नेटवर्क के दायरे में नहीं हैं। इन क्षेत्रों पर ध्यान देने से कंपनी को बाजार में प्रतिस्पर्द्धियों पर बढ़त मिलने की उम्मीद है।
5जी के मोर्चे पर आगे बढ़ने के साथ ही दूरसंचार कंपनियां अपने 4जी नेटवर्क का दायरा भी बढ़ा रही हैं। उदाहरण के लिए जियो के पास 4जी एलटीई नेटवर्क के करीब 5,32,000 बेस स्टेशन हैं। कंपनी इनके जरिये देश का 95 फीसदी हिस्सा कवर करने का दावा करती है।
इस बीच वोडाफोन आइडिया ने हाल में कहा था कि उसने दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान करीब 22,000 3जी साइट बंद कर दिए हैं और इसी दौरान करीब 11,500 4जी साइट जोड़े गए हैं।