टाटा स्टील ने शुक्रवार को ब्रिटेन के वेल्स में पोर्ट टॉलबट भट्ठी बंद करने की घोषणा की। कंपनी के इस कदम से 2,800 नौकरियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। कंपनी ने कहा कि ब्रिटेन के कारोबार का पुनर्गठन करने का उद्देश्य दस साल से अधिक समय से चल रहे घाटे को दूर करना है।
टाटा स्टील के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा, ‘हमारा फैसला कठिन है मगर हमें लगता है यह सही है। साल 2007 से ब्रिटेन के कारोबार में करीब 5 अरब पाउंड निवेश करने के बाद हमें दीर्घावधि के लिए एक स्थायी कारोबार बनने के लिए तेजी से बदलाव करना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी इस महत्त्वाकांक्षी योजना में एक दशक से भी अधिक समय में ब्रिटेन के स्टील उत्पादन में सबसे बड़ा पूंजीगत व्यय, ब्रिटेन में दीर्घकालिक उच्च गुणवत्ता वाले स्टील उत्पादन की गारंटी देना और पोर्ट टॉलबट संयंत्र को ग्रीन स्टील के उत्पादन के लिए यूरोप के प्रमुख केंद्रों में से एक के रूप में बदलना शामिल है।’
टाटा स्टील ने साल 2007 में 6.2 अरब पाउंड में कोरस का अधिग्रहण किया था और कंपनी के ब्रिटेन परिचालन में ज्यादातर गिरावट ही रही है।
टाटा स्टील ने खुलासा किया कि साल 2007 में अधिग्रहण के बाद से ही उसने अपने ब्रिटेन के कारोबार के लिए 4.7 अरब पाउंड का निवेश किया है। इसमें ब्रिटेन में स्टील बनाने और प्रसंस्करण साइटों में सुधार के साथ-साथ वित्तीय घाटे को पाटने और पेंशन पुनर्गठन लागत शामिल है। इसके अलावा टाटा स्टील ने ब्रिटेन के कारोबार के कर्ज को चुकाने के लिए अतिरिक्त पूंजी भी लगाई थी। कंपनी ने कहा कि इसके साथ ही टाटा स्टील ने टाटा स्टील यूके में 6.8 अरब डॉलर का निवेश किया।
कंपनी ने ब्रिटेन के बहु व्यापार संघ प्रतिनिधि निकाय और अपने सलाहकारों से बातचीत के बाद शुक्रवार को पोर्ट टॉलबट भट्ठी बंद करने की घोषणा की। पिछले साल सितंबर में ब्रिटेन सरकार ने 1.25 अरब पाउंड के संयुक्त निवेश पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें ब्रिटेन सरकार 50 करोड़ पाउंड और टाटा स्टील को 75 करोड़ पाउंड का निवेश करना था।