टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस अपनी गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को भुनाकर रकम जुटाने की योजना बना रही है। इसके अलावा कंपनी कीनजर विदेशी ऋण और अपनी सूचीबद्ध सहायक कंपनियों से वित्त वर्ष 2023 के लिए लाभांश पर भी है। बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी को 16,305 करोड़ रुपये के ऋण की अदायगी करनी है।
बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, फरवरी के अंत में कंपनी का शुद्ध ऋण बोझ 30,321 करोड़ रुपये था जबकि उसके पास 2,410 करोड़ रुपये की नकदी एवं नकद निवेश उपलब्ध था। यह वित्त वर्ष 2021 में दर्ज 27,616 करोड़ रुपये के शुद्ध ऋण बोझ के मुकाबले अधिक है। पूरे वित्त वर्ष 2022 के लिए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
टाटा संस के शुद्ध ऋण बोझ में उसकी सहायक इकाइयों द्वारा पिछले वर्ष के दौरान जुटाई गई रकम शामिल नहीं है। पिछले साल एयर इंडिया का अधिग्रहण करने वाली टैलेस और ई-कॉमर्स इकाई टाटा डिजिटल ने टाटा संस के समर्थन से ऋण जुटाए हैं।
एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘इससे पहले टाटा संस ने अपनी वित्त पोषण जरूरतों को पूरा करने के लिए विदेशी ऋण के जरिये रकम जुटाई थी और टीसीएस के जरिये शेयर पुनर्खरीद में भाग लिया था। हम उम्मीद करते हैं कि यह प्रवृत्ति नए वित्त वर्ष में भी जारी रहेगी क्योंकि नए साल में उसे अपने लगभग आधे शुद्ध ऋण का पुनर्भुगतान करना है।’
टाटा संस ने इस बाबत जानकारी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया।
बैंकिंग सूत्रों के अनुसार, टाटा संस ने घाटे में चल रही अपनी दूरसंचार सेवा इकाई टाटा टेलीसर्विसेज में 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजी निवेश किया है ताकि उसे अपने ऋण की अदायगी में मदद मिल सके। टाटा संस अपनी विमानन इकाइयों के लिए उसने अपने मलेशियाई साझेदार एयर एशिया के शेयरों की पुनर्खरीद की है।
