Tata Power तमिलनाडु में अगले पांच से सात वर्षों में 10 गीगावॉट वाली सौर और पवन ऊर्जा इकाई लगाएगी और इस पर 70,000 करोड़ रुपये निवेश करेगी। किसी भी राज्य में यह टाटा पावर का अब तक का सबसे बड़ा एकल निवेश हो सकता है। इसकी औपचारिक घोषणा सोमवार को हो सकती है। उस दिन राज्य सरकार और टाटा पावर के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होंगे। यह निवेश 4.3 गीगावॉट सोलर सेल और मॉड्यूल विनिर्माण केंद्र के अतिरिक्त होगा जो कंपनी तिरुवेनवेली में लगा रही है।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा कि हम यहां 70,000 करोड़ रुपये निवेश करने पर विचार कर रहे हैं। यह निवेश पांच से सात वर्षों में होगा। हम तमिलनाडु में 10 गीगावॉट क्षमता की सौर व पवन ऊर्जा परियोजना लगाने जा रहे हैं। यह परियोजना सौर व पवन ऊर्जा में समान रूप से विभाजित होगी।
सिन्हा ने कहा कि तमिलनाडु के पास सौर व पवन ऊर्जा के काफी अच्छे संसाधन हैं। हम इस राज्य में बड़े सोलर सेल व मॉड्यूल विनिर्माण केंद्र भी स्थापित कर रहे हैं। इसमें 4,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। 10 गीगावॉट के लिए निवेश के बारे में उन्होंने कहा कि हमने हमने किसी राज्य में इस तरह का निवेश नहीं किया है।
Tata Power की सहायक टाटा पावर रीन्यूएबल एनर्जी तमिलनाडु के तूत्तुक्कुडि में निजी उपयोग के लिए 41 मेगावॉट का सोलर प्लांट लगाएगी, जो टाटा पावर लिमिटेड के नए ग्रीनफील्ड 4.3 गीगावॉट के सोलर सेल व मॉड्यूल विनिर्माण केंद्र तिरुवेनवेली के लिए होगा। इस संयंत्र से 10.1 करोड़ यूनिट बिजली उत्पादन में मदद मिलेगी और सालाना 72,000 टन कार्बन उत्सर्जन की सालाना भरपाई हो सकेगी। कैप्टिव सोलर प्लांट परियोजना प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर के 12 महीने के भीतर चालू
हो जाएगा।
टीपी सोलर का विनिर्माण संयंत्र वित्त वर्ष 25 तक वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर सकता है। नए कैप्टिव सोलर प्लांट से टाटा पावर रीन्यूएबल की कुल क्षमता बढ़कर 7,877 मेगावॉट हो जाएगी। कंपनी अगले तीन साल में अपना राजस्व व मुनाफा दोगुना करना चाहती है और उसका खास जोर अक्षय ऊर्जा पर है।