टाटा मोटर्स के डीमर्जर में करीब 12-15 महीने लगेंगे। कंपनी दो सूचीबद्ध कंपनियों में गठित होगी। इनमें एक में उसका वाणिज्यिक वाहन (सीवी) वहीं दूसरे में जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) सहित यात्री वाहन (पीवी) व्यवसाय शामिल होगा। शेयरधारकों को हर एक शेयर के लिए प्रत्येक कंपनी में तय तारीख पर एक शेयर मिलेगा।
डीमर्जर आखिरकार सकारात्मक होगा और इससे मूल्यांकन का पता लगाने में मदद मिलेगी। लेकिन इसका मूल्यांकन पर तुरंत असर नहीं भी पड़ सकता है क्योंकि सकारात्मक बदलावों का असर पहले ही शेयर कीमत पर दिख चुका है। पीवी इकाई ज्यादा राजस्व से जुड़ी होगी, क्योंकि जेएलआर इस वर्टिकल का हिस्सा है। जेएलआर का समेकित राजस्व में सबसे बड़ा (करीब 65 फीसदी) योगदान है। समेकित स्तर पर कुल राजस्व में पीवी का करीब 79 प्रतिशत योगदान है और सीवी की करीब 21 प्रतिशत भागीदारी है।
विश्लेषक अगले दो वित्त वर्षों में भारतीय यात्री वाहन व्यवसाय में 8-9 प्रतिशत से ज्यादा की बिक्री वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ मार्जिन वृद्धि भी हो सकती है लेकिन एबिटा मार्जिन करीब 7-8 प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है। कंपनी का भारतीय यात्री वाहन क्षेत्र ह्युंडै के साथ दूसरे नंबर की ओर बढ़ता दिख रहा है। बड़ा फायदा जेएलआर को हो सकता है।
वित्त वर्ष 2024 में 25 प्रतिशत बिक्री वृद्धि के बाद वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में जेएलआर के लिए यह आंकड़ा 7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। प्रमुख वैश्विक बाजारों में मांग में सुधार की वजह से मार्जिन वृद्धि मजबूत होगी और एबिटा मार्जिन 17 प्रतिशत से ऊपर रहेगा।
भारतीय वाणिज्यिक वाहन व्यवसाय में बिक्री वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में छोटी गिरावट/सपाट बिक्री के बाद थोड़ी कम (करीब 6 प्रतिशत) रहेगी। वित्त वर्ष 2024-26 के दौरान एबिटा मार्जिन वृद्धि कुल मार्जिन को 11.5 प्रतिशत पर पहुंचा सकती है। कुल व्यवसाय वित्त वर्ष 2026 तक नकदी के लिहाज से सकारात्मक हो सकता है। लेकिन इसके लिए दोनों इकाइयों को लाभ में आना जरूरी होगा।
हालांकि यह समझना अभीमुश्किल है कि इस कदम से अल्पावधि में कहां सहयोग हो सकता है। दोनों वर्टिकलों के लिए मजबूत बोर्डों और बेहतर परिचालन दक्षता के साथ अपने संबद्ध व्यवसायों पर ध्यान देना आसान हो सकता है। टाटा मोटर्स ईवी यात्री वाहनों को अलग करने और एक अलग इकाई के रूप में सूचीबद्ध कराने पर विचार कर सकती है। यह ऐसा व्यवसाय है जहां उसकी प्रमुख बाजार हिस्सेदारी है।
शेयर भाव पिछले 36 महीनों में 2 गुना तक बढ़ा है, जो इंडेक्स प्रतिफल के मुकाबले काफी बेहतर है। इस डिमर्जर के परिणामस्वरूप परिचालन में स्पष्ट रूप से सुधार नहीं आया है, जिसे देखते हुए हम यह मान सकते हैं कि अलग इकाइयों का मूल्यांकन अनुमान के मुकाबले बहुत ज्यादा नहीं होगा।
ब्लूमबर्ग के अनुमानों में भी कहा गया है कि डीमर्जर घोषणा से फिलहाल ज्यादा बदलाव नहीं आया है। ब्लूमबर्ग के सर्वे में आठ में से चार विश्लेषकों ने इस शेयर के लिए ‘खरीद/आउटपरफॉर्म’ रेटिंग, तीन ने ‘तटस्थ/होल्ड’ और एक ने ‘घटाओ’ रेटिंग दी है। टाटा मोटर्स मंगलवार को बीएसई पर 3.5 प्रतिशत चढ़कर 1,021.95 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि बुधवार को इस शेयर में थोड़ी कमजोरी दर्ज की गई।