नमक से लेकर सॉफ्टवेयर क्षेत्र तक विस्तृत कारोबार वाले टाटा समूह की उपभोक्ता इकाई टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स अपने ट्रेड नेटवर्क के विरासत को युक्तिसंगत बनाने की कोशिश कर रही है। कंपनी अपनी नई रणनीति के तहत ग्राहकों तक सीधे और डिजिटल माध्यम से वितरण सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। टाटा ग्लोबल बेवरिजेस और टाटा केमिकल्स के उपभोक्ता उत्पाद इकाई के विलय से फरवरी में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की स्थापना की गई थी। कंपनी की योजनाओं से अवगत एक सूत्र ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि करीब 50 सुपर स्टॉकिस्टों और करीब 4,500 डीलरों को अगले दो महीनों में अपना परिचालन समेटने के लिए कहा गया है। सुपर स्टॉकिस्ट कंपनी के ट्रेड नेटवर्क में शीर्ष वितरक होता है जो आमतौर पर स्टॉकिस्टों और डीलरों तक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कंपनी के साथ मिलकर काम करता है। पिछले कुछ वर्षों के दौरान रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं बनाने वाली तमाम कंपनियां अपनी आपूर्ति शृंखला से बिचौलियों को घटाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं ताकि कारोबारी कुशलता को बढ़ाया जा सके।
सूत्रों के अनुसार, आपूर्ति शृंखला को युक्तिसंगत बनाए जाने के बाद कंपनी के पास करीब 4,500 डीलर बचे रहेंगे जिनके साथ वह सीधे तौर पर देश भर में काम करेगी। दूसरी ओर, सुपर स्टॉकिस्टों का चैनल बंद हो जाएगा।
कंपनी ने कहा, ‘एकीकरण प्रक्रिया के दौरान हमने महसूस किया कि डिजिटल प्रौद्योगिकी का फायदा उठाना और हमारे स्टॉकिस्टों एवं डीलरों के नेटवर्क के साथ सीधे तौर पर काम करना हमारे लिए काफी महत्त्वपूर्ण है। इससे हमें अपने वितरण का दायरा बढ़ाने और मार्केटप्लेस में इन-स्टोर निष्पादन में मदद मिलेगी।’ गुजरात के एक ट्रेड पार्टनर ने कहा, ‘बुधवार को कंपनी से अचानक फोन आया और हमें एक महीने के भीतर अपना परिचालन समेटने का नोटिस दे दिया है। हमने उन्हें पत्र लिखकर आगे की राह पर प्रबंधन से चर्चा करने के लिए समय मांगा है। कंपनी ने अपने जवाब में कहा कि नोटिस अवधि को दो महीने तक बढ़ा दिया गया है और इस दौरान जरूरत पडऩे पर हमें मदद दी जाएगी। हालांकि यह हम सब के लिए काफी चुनौतीपूर्ण समय है। ऐसे में वर्षों से चल रहे कारोबार को समेटना आसान नहीं होगा।’ कंपनी की ओर से सुपर स्टॉकिस्टों को भेजे गए मेल को बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी देखा है।
