पिछले तकरीबन एक महीने से सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज और रामलिंग राजू का नाम सुर्खियों में बना हुआ था।
सब उन्हंस कॉर्पोरेट प्रशासन के नाम पर कोस रहे थे, लेकिन बुधवार की सुबह सबको चौंकाने वाली रही, जब राजू ने बताया कि उन्होंने ठगी की।
उसके बाद से कंपनी का दफ्तर सुरक्षा के मामले में चाक चौबंद हो गया है और बाजार रो रहा है।
सत्यम के बारे में महत्वपूर्ण बातें
सत्यम कंप्यूटर्स देश की चौथी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी है। एक किसान के घर में पैदा हुए रामलिंग राजू ने ओहायो विश्वविद्यालय से प्रबंधन की डिग्री हासिल करने के बाद साल 1987 में सत्यम की स्थापना की थी।
सत्यम ने 1991 में भारतीय बाजार में कदम रखा। इसके बाद साल 2001 में न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध हुई। पिछले साल ही कंपनी ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के ‘फास्ट पाथ’ के जरिए न्यू यॉर्क और यूरोप में सूचीबद्ध होने के लिए यूरोनेक्स्ट एम्सटर्डम में सेकेंडरी आवेदन किया था।
सत्यम अपनी ग्राहक कंपनियों को कारोबारी सॉफ्टवेयर, बैक ऑफिस आउटसोर्सिंग और सलाहकार सेवाएं मुहैया कराती है। कंपनी के ग्राहकों की सूची में नेस्ले, जनरल इलेक्ट्रिक, कंतास और फुजित्सू जैसी कंपनियां शामिल हैं।
मार्च 2008 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में कंपनी ने दावा किया था कि उसका राजस्व 46.3 फीसदी बढ़कर 102.1 अरब रुपये तक पहुंच गया।
जबकि कंपनी की कुल कमाई 39.7 फीसदी बढ़कर 2043.3 करोड़ रुपये होने की बात कही थी। अक्टूबर 2008 में कंपनी ने उम्मीद जताई थी कि मार्च 2009 तक कंपनी की कमाई 19-21 फीसदी बढ़कर 125-127 अरब रुपये के बीच होगी।
हैदराबाद स्थित सत्यम में लगभग 52,865 कर्मचारी कार्यरत हैं। कंपनी आउटसोर्सिंग करारों के लिए देश की टाटा कंसल्टेंसी और इन्फोसिस टेक्नोलॉजिज के साथ ही आईबीएम और एक्सेंचर जैसी अंतरराष्ट्रीय आईटी कंपनियों के साथ मुकाबला करती है।
बिगड़ेगी राजू की रामकहानी
कंपनी के शेयर 77.69 फीसदी गिरकर 39.95 पर बंद हुए
राजू कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए तैयार, हो सकती है 10 साल की सजा
कंपनी के पास रकम के अभाव में नहीं हो सकता शेयरों का बायबैक
आंध्र सरकार कराएगी मामले की जांच, साबित हुआ जुर्म तो केंद्र उठाएगा कंपनी के खिलाफ कदम
फॉरेस्टर ने कहा 30-35 फीसदी ग्राहक कर सक ते हैं कंपनी के साथ करारों पर पुनर्विचार
कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर तेजी से बढ़ेगी
सेबी के 2003 में तय किए गए नियामकों को दिखाया ठेंगा
सेबी और एमसीए उठाएंगी कंपनी के खिलाफ कदम
मेरिल लिंच ने भी तोड़े सत्यम के साथ संबंध
इन्फोसिस: ऑडिटर ले जिम्मेदारी
ब्रोकरेज हाउसों का दावा सत्यम नहीं उबर पाएगी इस झटके से
ब्रोकर दे रहे हैं कंपनी के शेयर बेचने का सुझाव
एमसीए करेगी ऑडिटर की भूमिका की जांच
आरओसी जल्द सौपेगी अपनी रिपोर्ट