कोलियर्स इंडिया द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि Student Housing एक लोकप्रिय संपत्ति श्रेणी (एसेट क्लास) के तौर पर उभर कर सामने आ रही है क्योंकि छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण आवास की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। शिक्षा के लिए देश में एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले वाले छात्रों की वर्तमान संख्या 1.13 करोड़ है, जो 2036 तक 3.11 करोड़ होने की संभावना है। बावजूद इसके संपूर्ण भारत के छात्रावासों में केवल 75 लाख छात्रों के ही आवास की व्यवस्था है, जो न तो वर्तमान मांग को पूरा कर सकते हैं और ना ही भविष्य की। लिहाजा मांग-आपूर्ति के अंतर को देखते हुए इस क्षेत्र में वृद्धि की अपार संभावनाएं हैं।
कोलियर्स इंडिया कार्यकारी निदेशक व हेड (एडवाइजरी सर्विसेज) स्वप्निल अनिल ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए छात्रों के स्थान परिवर्तन, नई तकनीकों और सरकार की नई शिक्षा नीतियों के कारण आने वाले सालों में छात्रों के लिए साझा आवास की काफी आवश्यकता पड़ेगी। बढ़िया सुविधाओं युक्त साझा स्थान, अपनी ही उम्र के लोग, आने-जाने की सुविधा और नियमित कार्यों के लिए सहायता आदि हमारी युवा पीढ़ी की आवश्यकतायें हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से पहले इस क्षेत्र में कई स्टार्ट-अप आए। लेकिन उनमें से कुछ ही पूरे देश में सुविधाओं के साथ बच पाए हैं। वर्तमान में गिने-चुनी कंपनियां ही हैं, जो देश भर में विस्तार कर रही हैं।
स्टैंज़ा लिविंग के पास देहरादून, वड़ोदरा, इंदौर, कोयम्बटूर, जयपुर, कोटा, अहमदाबाद, मणिपाल, कोच्चि, विद्यानगर और नागपुर में 70,000 बेड हैं, जबकि इस साल के अंत तक 30000 बेड और जोड़ने की योजना है।
हॉउसर को-लिविंग (Housr Co-Living) गुरुग्राम, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु और विशाखापत्तनम में उपस्थित है और वित्तीय वर्ष के अंत तक इसकी दिल्ली और कोटा में विस्तार करने की योजना है। एक और अग्रणी ऑपरेटर ‘योर स्पेस’ के पास दिल्ली, मुंबई और पुणे में अभी 5,500 बेड हैं और 2024 तक जयपुर, बेंगलूरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोटा और कोलकता जैसे शिक्षा हबों में विस्तार कर 20,000 बेड करने की योजना है। एम्बेसी समूह द्वारा प्रबंधित ‘ओलिव लिविंग’ के पास 2,500 बेड का स्टॉक है और अगले कुछ सालों में 20,000 और बेड जोड़ने की योजना है।
10 से 15 फीसदी है Student housing के किराये में सालाना वृद्धि दर
महामारी के बाद से Student housing के किराये में 10 से 15 फीसदी सालाना की दर से वृद्धि हो रही है। जो गुणवत्तापूर्ण Student Housing की बढ़ती मांग का सूचक है। अनुमान के अनुसार 2036 तक उच्च शिक्षा लेने वाले छात्रों की संख्या 9.2 करोड पहुंच जाएगी। जिसको देखते हुए निवेशकों और डेवलपर्स के साथ-साथ इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए अपार संभावनाएं मौजूद हैं। संभावना है कि इस बाजार में नये प्लेयर आएंगे। साथ ही ‘उद्देश्य निर्मित छात्र आवास’ (पर्पज बिल्ट स्टूडेंट अकोमोडेशन) में वैश्विक निवेशकों के भी हाथ आजमाने की संभावना है।