इक्विटी बाजार को आगे बढ़ाने में आय का अहम योगदान होगा और मंदी की वजह से बाजार के एक दायरे में रहने की अवधि लंबी हो सकती है। यह कहना है टाटा ऐसेट मैनेजमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी (इक्विटी) राहुल सिंह का। अभिषेक कुमार को दिए ईमेल साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अब जबकि वित्त वर्ष 2025 समाप्ति के करीब बढ़ रहा है, ऐसे में जल्द ही अगले वित्त वर्ष के आय अनुमानों पर ध्यान केंद्रित होने लगेगा। बातचीत के मुख्य अंश…
विगत में बाजार में गिरावट अल्पकालिक साबित हुई हैं। क्या इस बार की गिरावट अलग है?
मौजूदा उतारचढ़ाव कई वजहों से है, चीन के आर्थिक प्रोत्साहन उपायों से लेकर दूसरी तिमाही के निराशाजनक आय सीजन आदि तक। आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) और पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) के माध्यम से इक्विटी की बढ़ी हुई आपूर्ति ने बाजार पर दबाव बढ़ा दिया। अंत में, मजबूत डॉलर की संभावना का मतलब है कि उभरते बाजारों में आने वाली रकम पर असर जारी रहेगा। मेरा मानना है कि यह गिरावट कीमत से अधिक समय से जुड़ी है, जिसके परिणामस्वरूप कम या सपाट रिटर्न के दौर की संभावना है, वैसा ही जैसा हमने नवंबर 2021 और मार्च 2023 के बीच देखा था। निफ्टी-50 इंडेक्स एक साल की आगे की कमाई के लगभग 21 गुने के उच्च मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। हालांकि बाजार में मूल्यांकन अलग-अलग हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों की तुलना में लार्जकैप अपेक्षाकृत सस्ते दिखाई दे रहे हैं। इसलिए, निवेशकों को उन क्षेत्रों पर ध्यान देना चाहिए जिनमें चौंकाने वाली सकारात्मक आय की संभावना हो या जिनका मूल्यांकन आकर्षक हो।
दूसरी तिमाही की आय पर आपकी क्या राय है? क्या किसी सेक्टर ने चौंकाया है?
दूसरी तिमाही में आय को लेकर सकारात्मक से ज्यादा निराशाजनक आंकड़े रहे। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निफ्टी प्रति शेयर आय (ईपीएस) वृद्धि का अनुमान पहले ही वर्ष की शुरुआत में अनुमानित 12 फीसदी से घटकर 6-7 फीसदी रह गया है। शहरी खपत धीमी हो गई है, जबकि ग्रामीण खपत पिछले 18 से 24 महीनों से सुस्त चल रही है। हालांकि मुझे वित्त वर्ष 2025 के आय अनुमानों में और अधिक कमी की उम्मीद नहीं है। जैसे-जैसे हम वित्त वर्ष 25 के अंत के करीब होंगे, सारा ध्यान वित्त वर्ष 26 की कमाई की ओर चला जाएगा। फार्मा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए लगातार मजबूत आय दर्ज की है। विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में असाधारण वृद्धि देखी गई है। पिछले वर्ष के प्रभावशाली प्रदर्शन के बावजूद, अंतर्निहित संरचनात्मक वजहों से पता चलता है कि अगले दो से तीन वर्षों तक आय में वृद्धि जारी रह सकती है।
आगे चलकर भारतीय बाजारों के लिए सकारात्मक संकेतक क्या होंगे?
अब से बाजारों के लिए आय प्राथमिक होगी। मौजूदा ऊंचे मूल्यांकनों को देखते हुए निरंतर वृद्धि अहम है। जहां वित्त वर्ष 2026 के लिए अनुमान 15-16 फीसदी पर अपरिवर्तित हैं, वहीं बाजार की भविष्य की दिशा अगले 4-5 महीनों में इन अनुमानों की स्थिरता पर निर्भर करेगी। अगर आय वृद्धि लड़खड़ाती है और मंदी वित्त वर्ष 2026 में भी रहती है, तो हमें बाजार के एक दायरे में घूमने का लंबा दौर दिख सकता है।
क्या अमेरिकी चुनाव के नतीजों का भारत और अन्य उभरते बाजारों पर असर होगा?
निवेश आने के लिहाज से मजबूत डॉलर उभरते बाजारों के लिए नकारात्मक है। राष्ट्रपति के रूप में डॉनल्ड ट्रम्प की वापसी का भारतीय निर्यातकों पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। उनके पिछले कार्यकाल के दौरान प्राथमिक चिंता सख्त वीज़ा नियम थे। हालांकि भारतीय आईटी कंपनियों ने स्थानीय कार्यबल में बढ़ोतरी कर इसके हिसाब से ढाल लिया था। परिणामस्वरूप इन कंपनियों के लिए अब वीज़ा-संबंधी जोखिम कम हैं। इसके अलावा, ट्रम्प की प्रस्तावित कॉरपोरेट टैक्स कटौती से भारतीय आईटी कंपनियों को फायदा हो सकता है। अमेरिकी कंपनियों के लिए नकदी प्रवाह में मजबूती उच्च प्रौद्योगिकी खर्च में तब्दील हो सकती है, जिससे भारतीय आईटी उद्योग की रिकवरी में तेजी आएगी।
क्या निवेशकों को अपना इक्विटी आवंटन बढ़ाने पर विचार करना चाहिए? कौन से फंड अभी सबसे अच्छे हैं?
निवेशकों को ऐसे समय में अपने जोखिम प्रोफाइल के लिए उपयुक्त परिसंपत्ति आवंटन पर ध्यान देना चाहिए। मल्टी-ऐसेट और बैलेंस्ड एडवांटेज फंड जैसी हाइब्रिड श्रेणियां एक विकल्प हो सकती हैं। यह निचले स्तर पर निवेश की शैली के आधार पर विविध इक्विटी श्रेणियों में ध्यान केंद्रित करने का भी समय है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों व थीमेटिक का दौर खत्म हो चुका है।
एक साल से ज्यादा अवधि में आपका पहला ऐक्टिव एनएफओ द टाटा इनोवेशन फंड ऐसे समय आया है जब बाजारों में गिरावट शुरू हो गई । क्या आप इसके समय को समस्या के तौर पर देखते हैं?
पिछले 12 से 24 महीनों में इक्विटी बाजार काफी हद तक सेक्टर और थीमैटिक रुझानों से चला है। हालांकि हमें निचले स्तर पर निवेश का नजरिया दिख रहा है। इसके अलावा, हर उद्योग में नवोन्मेष तेजी से महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इनोवेशन फंड का लक्ष्य उन कंपनियों की पहचान करना है जो महत्वपूर्ण नवाचारों का नेतृत्व कर रही हैं या क्रमिक प्रगति कर रही हैं। इस तरह के फंड के लिए यह अच्छा समय है क्योंकि यह कंपनियों पर केंद्रित है न कि सेक्टरों पर।
क्या आप अपने पोर्टफोलियो में किसी क्षेत्र विशेष को लेकर बदलाव कर रहे हैं?
हमें निकट अवधि में फार्मा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में सकारात्मक आय की गति की उम्मीद है। बैंकिंग क्षेत्र ने पिछले दो वर्षों में खराब प्रदर्शन किया है, अब एक आकर्षक जोखिम-प्रतिफल मुहैया करा रहा है। हालांकि धीमी ऋण वृद्धि और जमा जुटाने जैसी चुनौतियां अगले कुछ महीनों तक बनी रह सकती हैं, लेकिन मौजूदा मूल्यांकन मजबूत दीर्घकालिक क्षमता का संकेत देते हैं, जो इसे तीन से पांच साल के नजरिए से आकर्षक बनाता है। इसके विपरीत, आईटी क्षेत्र का मूल्यांकन कोविड अवधि के दौरान रही ऊंचाई के करीब पहुंच रहा है, जिससे आगे की वृद्धि सीमित लगती है। बाजार की हालिया गिरावट को देखते हुए हम चयनात्मक रूप से वृद्धि की संभावनाओं के लिए इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।