भारतीय स्टार्टअप का पारिस्थितिकी तंत्र शहरी माहौल से निकल रहा है और ये छोटे शहरों में खूब फल-फूल रहे हैं। इसका पता डिपार्टमेंट फोर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री ऐंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) से पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या से लग जाता है। इस विभाग से 31 दिसंबर 2023 तक पंजीकृत 1.15 लाख से अधिक स्टार्टअप में से 50 फीसदी टियर-2 और टियर-3 शहरों में सक्रिय हैं।
डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित किए गए नेशनल स्टार्टअप अवार्ड (एनएसए) के चौथे संस्करण में 2,324 स्टार्टअप ने हिस्सा लिया। हालांकि यह संख्या 2022 के पिछले संस्करण में आए 2,667 आवेदनों से कम रही।
खास बात यह रही कि इस बार आए कुल आवेदनों में लगभग 58 प्रतिशत टियर-2 और टियर-3 शहरों से थे।
भारतीय उद्यमियों के लिए सबसे अच्छा स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने वाले राज्यों में गुजरात, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु अग्रणी हैं।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘इनोवेशन के लिए भारत वैश्विक केंद्र बनकर उभरा है और वर्ष 2023 में इस क्षेत्र ने कई उपलिब्धयां हासिल की हैं। इस दौरान 1.15 लाख स्टार्टअप डीपीआईआईटी से पंजीकृत हुई हैं। यही नहीं, इन स्टार्टअप की वजह से लगभग 12 लाख से अधिक नौकरियां पैदा हुई हैं।’
डीपीआईआईटी ने 2020 में स्टार्टअप के लिए नेशनल स्टार्टअप अवार्ड की शुरुआत की थी, ताकि सम्मान और अलग पहचान दिलाकर इस क्षेत्र को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जा सके। गोयल ने कहा कि आज स्टार्टअप को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ समझा जाता है, जो आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने में काफी मददगार साबित होंगे।