पिछले कैलेंडर वर्ष में स्टार्टअप कंपनियों के लिए रकम जुटाने की चुनौती यूं ही नहीं थी क्योंकि 2023 में टाइगर ग्लोबल, पीक 15 पार्टनर्स, एस्सेल और सॉफ्टबैंक जैसे बड़े विदेशी वेंचर कैपिटल ने 85 फीसदी कम निवेश किया। पिछले दो साल में इन बड़ी वेंचर कैपिटल फर्मों ने देश से अपना कुछ निवेश निकाला भी है।
पीक 15 पार्टनर्स (पुराना नाम सिकोया इंडिया) भारत में निवेश करने वाली शीर्ष वेंचर कैपिटल फर्मों में शामिल है मगर 2023 में इसका निवेश भी घटा है। बाजार पर नजर रखने वाले प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार पीक 15 पार्टनर्स ने 2023 में 23 सौदों के जरिये 19.75 करोड़ डॉलर का निवेश किया था, जो वर्ष 2022 के 1.5 अरब डॉलर से करीब 87 फीसदी कम है।
इसी तरह स्टार्टअप में जमकर निवेश करने वाली कंपनी एस्सेल का निवेश भी पिछले साल 19.75 करोड़ डॉलर रह गया, जो 2022 की तुलना में 84 फीसदी कम था। कंपनी का यह निवेश 18 सौदों से आया था, जबकि 2022 में उसने 50 सौदे करते हुए करीब 1.2 अरब डॉलर का निवेश किया था।
एस्सेल ने फ्लिपकार्ट, स्विगी, फ्रेशवर्क्स और जेटवर्क जैसी कंपनियों में निवेश किया है। अमेरिकी फर्म टाइगर ग्लोबल ने 2023 में भारत में 86.99 करोड़ डॉलर लगाए, जो 2022 के मुकाबले 71 फीसदी कम थे। 2022 में उसने 45 सौदों के जरिये करीब 3 अरब डॉलर का निवेश किया था।
ओयो, डेलिवरी और पेटीएम जैसी स्टार्टअप फर्मों पर दांव लगाने वाली जापान की प्रमुख निवेशक सॉफ्टबैंक ने 2023 में भारत में कोई निवेश नहीं किया। ट्रैक्सन के आंकड़ों से पता चलता है कि 2022 में उसने दो सौदों में 44.5 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
निवेश में गिरावट बड़ी वेंचर कैपिटल फर्मों तक ही सीमित नहीं है। 2023 में देश में कुल विदेशी निवेश भी 66 फीसदी घटकर 7.7 अरब डॉलर रहा। ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में देश में 23 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया था।
दुनिया भर में वृहद आर्थिक चुनौतियां होने और कई स्टार्टअप में कारोबारी संचालन में खामियां दिखने के कारण निवेशकों की जांच-पड़ताल बढ़ने से पिछले साल निवेश सौदों में भारी गिरावट आई थी। मगर निवेश में गिरावट के बावजूद विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार से उम्मीद है और इस साल देश में निवेश गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद है।
2021 में स्टार्टअप ने रिकॉर्ड 42 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई थी। उद्योग के अनुमान के मुतबिक 2024 में स्टार्टअप फर्में 10 से 12 अरब डॉलर जुटा सकती हैं। एस्सेल के एक अधिकारी ने कहा कि कि कंपनी इस साल देश में करीब 25 स्टार्टअप में निवेश करने की योजना बना रही है और वह अगले कुछ वर्षों में भारत केंद्रित फंड शुरू कर सकती है।
एस्सेल में पार्टनर प्रशांत प्रकाश ने कहा, ‘हम हर 3 से 4 साल में एक फंड लाने पर विचार कर रहे हैं। हमारे पास काफी पूंजी है और इस साल हम कम से कम 15 से 25 कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।’
इसी तरह सॉफ्टबैंक भी जल्द ही निवेश शुरू कर सकती है। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहले खबर दी थी कि सॉफ्टबैंक इस साल मई-जून से निवेश शुरू कर सकती है और एआई पर काम करने वाली कंपनियों में 7.5 करोड़ से 12.5 करोड़ डॉलर के दायरे में निवेश कर सकती है।
टाइगर ग्लोबल भी अन्य मौजूदा निवेशकों पीक 15 और मार्श ग्रोथ कैपिटल के साथ ई-कॉमर्स यूनिकॉर्न मीशो में 30 करोड़ डॉलर तक निवेश पर विचार कर रही है। इस बारे में जानकारी के लिए टाइगर ग्लोबल और सॉफ्टबैंक को ईमेल किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं आया।