जहां कई स्टार्टअप अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं या धन के अभाव में कारोबार समेट रहे हैं, वहीं ट्रैवल कंपनी मेक माई ट्रिप के सीईओ राजेश मागो ने कहा कि ‘सही’ स्टार्टअप के लिए पर्याप्त पूंजी उपलब्ध है। बिजनेस स्टैंडर्ड मंथन 2024 (BS Manthan) के दौरान अखबार के चीफ कंटेंट एडिटर सुवीन सिन्हा से बातचीत के दौरान मागो ने यह टिप्पणी की। आकांक्षी उद्यमियों को सलाह देते हुए मागो ने कहा कि व्यवसाय शुरू करते समय दीर्घकालीन पहलुओं पर ध्यान देने का बहुत महत्त्व है।
उन्होंने कहा, ‘जो भी कारोबार शुरू करने पर विचार कर रहा है, 2 साल, 3 साल, 5 साल या 20 साल के हिसाब से नहीं सोच सकता। 3, 5 या 10 साल का विचार निवेशकों के लिए है। उन्हें धन लगाना होता है, उन्हें निकलने की अवधि देखनी होती है। लेकिन प्रबंधन या संस्थापकों की टीम के लिए ऐसा नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘धन की कमी इस समय लोकप्रिय शब्द हो गया है। लेकिन अगर आप मुझसे पूछेंगे कि हमारे पास व्यवस्था में कितनी नकदी है तो कहूंगा कि सही लोगों के लिए धन की कोई कमी नहीं है।’
उन्होंने स्टार्टअप के मौजूदा चरण को आवश्यक सुधार वाला बताते हुए कहा कि अभी तक नहीं उसका अतिदेय समायोजन (overdue adjustment) हो रहा है और जो हो रहा है, वह अच्छा ही है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से यह तय था क्योंकि लोगों के पास बड़ी राशि आसानी से आ रही थी और बहुत कम सवाल पूछे जा रहे थे।
मागो ने कहा, ‘भारत को एक बड़े अवसर के रूप में देखकर लोग उत्साहित थे। वह है भी लेकिन इसके साथ ही वे जा भी रहे हैं। संभव है कि उन्होंने बड़-बड़ी राशि देने से पहले लापरवाही बरती हो। मुझे नहीं लगता कि यह अच्छा था, इस रुख ने संस्थापकों का भला नहीं किया।’
उन्होंने कहा कि अब सकारात्मक बदलाव हो रहा है और निवेश का फैसला करते समय जांच की जा रही है। मेकमाईट्रिप के सीईओ ने कहा, ‘अब औपचारिक काम बढ़ा है। ऐसे में अगर आप सभी परीक्षाएं पास कर लेते हैं और आप गंभीर संस्थापक हैं, दीर्घावधि के हिसाब से सोचते हैं और आपका उत्पाद बेहतर है तो धन न मिलने का कोई सवाल ही नहीं है।’
2023 में भारत के स्टार्टअप को पिछले 5 साल की तुलना में सबसे कम धन मिला और यह करीब 10 अरब डॉलर था। डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में 25 अरब डॉलर आए थे।