विमानन कंपनी स्पाइसजेट अपने पूर्व प्रवर्तक कलानिधि मारन से 450 करोड़ रुपये वापस मांगेगी। दिल्ली उच्च न्यायालय के पिछले सप्ताह लंबे शेयर हस्तांतरण विवाद में विमानन कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद कंपनी यह कदम उठाएगी।
बुधवार को विमानन कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उसने मारन की कंपनी कल एयरवेज को 730 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जिसमें 580 करोड़ रुपये मूलधन और 150 करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर दिए गए थे। यह रकम साल 2018 में एक मध्यस्थता अधिकरण के आदेश पर दी गई थी, जिसे एकल न्यायाधीश के खंडपीठ ने साल 2023 में बरकरार रखा था।
हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय के खंडपीठ ने 17 मई को उस आदेश को रद्द कर दिया। इसके बाद विमानन कंपनी के लिए 450 करोड़ रुपये वापस लेने का रास्ता साफ हो गया।
यह मामला साल 2015 का है, जब नकदी किल्लत से जूझ रही स्पाइसजेट से मारन अपनी 58.46 फीसदी हिस्सेदारी विमानन कंपनी के मौजूदा प्रवर्तक अजय सिंह को 2 रुपये के सांकेतिक मूल्य पर हस्तांतरित कर बाहर निकल गए थे। बाद में मारन ने कुछ शेयर वारंट जारी न करने पर समझौते के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए 1,300 करोड़ रुपये का दावा किया।
पिछली कई तिमाहियों से नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी को 450 करोड़ रुपये वापस मिलने से राहत मिलेगी। कंपनी विमानों के पट्टेदारों, इंजन पट्टेदारों, ऋणदाताओं और मारन के बकाया भुगतान पर कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रही है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘स्पाइसजेट दिल्ली उच्च न्यायालय के 17 मई के फैसले के बाद कंपनी के पूर्व प्रवर्तक कलानिधि मारन और उनकी कंपनी कल एयरवेज को भुगतान किए गए कुल 730 करोड़ रुपये में से 450 करोड़ रुपये वापस मांगेगी।’
विमानन परामर्श फर्म कापा इंडिया ने दिसंबर में कहा था कि नई रकम जुटाने के बाद स्पाइसजेट का पुनरुत्थान भारतीय विमानन बाजार में हलचल मचा सकता है क्योंकि विमानन कंपनी प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए अपने खड़े विमानों को वापस उड़ानों में लगाएगी और अधिक विमानों को पट्टे पर भी लेगी।
विमानन विश्लेषकों को उम्मीद है कि 2,241 करोड़ रुपये जुटाने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी के बाद विमानन कंपनी के लिए संभावनाएं बेहतर हो जाएंगी। इसने तरजीही इक्विटी शेयर के जरिये दो चरण में करीब 1,060 करोड़ रुपये जुटाए हैं।