facebookmetapixel
भारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरेंNepal GenZ protests: पीएम ओली का इस्तीफा, एयर इंडिया-इंडिगो ने उड़ानें रद्द कीं; भारतीयों को नेपाल न जाने की सलाह26% तक चढ़ने को तैयार Adani Green, Suzlon समेत ये 5 Energy Stocks, टेक्निकल चार्ट पर दिख रहा ब्रेकआउटसोना ₹1.1 लाख के पार, चांदी 13 साल के हाई पर: निवेशकों के लिए क्या हैं इसके मायनेUP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीन

SpiceJet को राहत, नहीं लौटाने होंगे 270 करोड़ रुपये

स्पाइसजेट की ओर से मारन के लिए यह बकाया रा​शि पिछले साल 3 अगस्त तक 393 करोड़ रुपये थी।

Last Updated- May 17, 2024 | 10:21 PM IST
SpiceJet successfully settles $23.39 million dispute with Aircastle, Wilmington Trust SpiceJet ने एयरकैसल, विलमिंगटन ट्रस्ट के साथ 2.339 करोड़ डॉलर का विवाद सफलतापूर्वक सुलझाया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि स्पाइसजेट 270 करोड़ रुपये सन ग्रुप के चेयरमैन कलानि​धि मारन और काल एयरवेज को लौटाए।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा और रवींदर दुदेजा के खंडपीठ ने स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह की ओर से एकल पीठ के आदेश के ​खिलाफ दायर अनुरोध स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने कहा, ‘अपीलों को स्वीकार किया गया है। लिहाजा 31 जुलाई, 2023 के आदेश को रद्द किया जा रहा है।’

सिंह ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसने मारन के पक्ष में मध्यस्थ फैसले को बरकरार रखा था। उन्होंने फैसले के उस हिस्से को रद्द करने की मांग की थी जिसमें उन्हें काल एयरवेज और मारन को 270 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने 18 प्रतिशत ब्याज चुकाने के आदेश को भी चुनौती दी।

31 जुलाई को, दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने कलानि​धि मारन के पक्ष में और स्पाइसजेट के ​खिलाफ मध्यस्थता फैसला रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिससे मारन के लिए राह आसान हो गई थी। स्पाइसजेट ने खंडपीठ के समक्ष अपील की जिसने इसे स्वीकार कर लिया और एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया।

काल एयरवेज और मारन ने 9 अगस्त 2023 को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और स्पाइसजेट के दैनिक राजस्व संग्रह का 50 प्रतिशत हिस्सा साप्ताहिक आधार पर उन्हें चुकाए जाने का अनुरोध किया। स्पाइसजेट की ओर से मारन के लिए यह बकाया रा​शि पिछले साल 3 अगस्त तक 393 करोड़ रुपये थी।

First Published - May 17, 2024 | 10:21 PM IST

संबंधित पोस्ट