वित्त वर्ष 2025 में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा उद्योग की राजस्व वृद्धि मध्य एक अंक में रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2025 के लिए इक्रा द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 में भारतीय आईटी सेवा क्षेत्र 4 से 6 फीसदी के दायरे में वृद्धि दर्ज करेगा। यह बीते वित्त वर्ष 2024 में 3.8 फीसदी की वृद्धि से थोड़ा बेहतर होगा। मांग अभी भी धीमी है इसलिए उद्योग के लिए नियुक्ति का लक्ष्य भी कम रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही के अंत से ही नियुक्तियों में तेजी आने की संभावना है।’
इक्रा का अनुमान मार्केट इंटेलिजेंस फर्म अनअर्थ इनसाइट के अनुमान जैसा ही है, जिसने वित्त वर्ष 2025 के लिए उद्योग की वृद्धि 5 से 6 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद जताई थी। वित्त वर्ष 2025 में उद्योग 265 अरब डॉलर की उपलब्धि पार कर जाएगा। अनअर्थ इनसाइट ने कहा है कि साल 2030 तक दीर्घकालीन वृद्धि 7 से 8 फीसदी सीएजीआर होने की संभावना है।
राजस्व में लगातार धीमी वृद्धि का असर क्षेत्र में नियुक्तियों पर भी पड़ेगा। इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भले ही वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में कुछ सुधार हुआ है मगर वृद्धि की रफ्तार बढ़ने तक नियुक्तियों में सुस्ती रहेगी। अमेरिका में नई सरकार के गठन से कुछ समय के लिए नीतिगत अनिश्चितता पैदा हो सकती है और इसलिए इसकी निगरानी की जा सकती है।’
प्रौद्योगिकी उद्योग में कुल कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2024 के 54 लाख से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 56 लाख होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025 में उद्योग स्तर पर 12 से 14 फीसदी औसत नौकरी छोड़ने की दर के साथ 8 लाख पेशेवरों की भर्तियां होने की उम्मीद है। अनअर्थ इनसाइट के मुताबिक, वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की मांग के कारण नियुक्तियां बढ़ी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में 1,780 वैश्विक क्षमता केंद्र हैं और उनका राजस्व करीब 75 अरब डॉलर हो सकती है और वित्त वर्ष 2025 में उनके पास 20 लाख कर्मचारी है, जो बीते तीन वर्षों में तेजी से बढ़ी है।