facebookmetapixel
Infosys के प्रमोटर्स ने ₹18,000 करोड़ के शेयर बायबैक से खुद को अलग कियासितंबर में Debt MF से निवेशकों ने क्यों निकाले ₹1.02 लाख करोड़? AUM 5% घटासस्ते आयात, डंपिंग से देश के स्टील सेक्टर को नुकसान; नीतिगत समर्थन की जरूरत: RBIसोशल मीडिया पर AI कंटेंट पर सख्ती, लेबलिंग और वेरिफिकेशन अनिवार्य; MeitY ने जारी किया मसौदा नियमभारत बनेगा AI कंपनियों का नया ठिकाना, OpenAI और Anthropic करेंगी भर्ती और ऑफिस की शुरुआतIndia-US Trade Deal: 50% से 15% होगा टैरिफ! ट्रंप देंगे बड़ा तोहफा, जल्द फाइनल हो सकती है डीलMajhi Ladki Bahin Yojana: महिलाओं की स्कीम में 12 हजार पुरुषों को मिला फायदा! चौंकाने वाला खुलासाTata Motors CV की लिस्टिंग डेट पर बड़ा अपडेट! दिसंबर से बाजार में शुरू हो सकती है ट्रेडिंगTata Trusts: कार्यकाल खत्म होने से पहले वेणु श्रीनिवासन बने आजीवन ट्रस्टी, अब मेहली मिस्त्री पर टिकी निगाहेंMidwest IPO: 24 अक्टूबर को होगी लिस्टिंग, ग्रे मार्केट से मिल रहे पॉजिटिव संकेत; GMP ₹100 पर पंहुचा

SIAM ने सरकार से की मांग: N1 सीरीज के वाणिज्यिक वाहनों को PM e-Drive योजना में शामिल किया जाए

सायम ने सरकार से आग्रह किया कि 3.5 टन तक के हल्के वाणिज्यिक वाहनों को पीएम ई-ड्राइव योजना में शामिल किया जाए ताकि कार्बन उत्सर्जन घटे और शहरी लॉजिस्टिक्स मजबूत हो।

Last Updated- August 17, 2025 | 9:36 PM IST
hydrogen trucks India
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सायम) ने भारी उद्योग मंत्रालय से एन1 श्रेणी- 3.5 टन से कम वजन वाले वाणिज्यिक वाहन- को इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत लाने का आग्रह किया है।

बिजनेस स्टैंडर्ड को जानकारी मिली है कि देश में सभी प्रमुख वाहन विनिर्माताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले इस शीर्ष संगठन ने 17 अप्रैल, 2025 को लिखे पत्र में मंत्रालय को बताया कि कार्बन उत्सर्जन कम करने, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने, परिचालन लागत की व्यवस्था में सुधार लाने और छोटे कारोबारों को समर्थन देने के लिए इन वाहनों को यह श्रेणी में लाना महत्त्वपूर्ण है। सायम ने लिखा, ‘हम एन1 श्रेणी के वाहनों (3.5 टन तक के कुल वजन वाले हल्के वाणिज्यिक वाहन) को पीएम ई-ड्राइव योजना के दायरे में शामिल करने का अनुरोध कर रहे हैं। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि वाणिज्यिक वाहन उद्योग के वॉल्यूम में 60 प्रतिशत हिस्सा इसी श्रेणी का है और यह देश के शहरी इलाकों में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है जिसमें अंतिम छोर तक का संपर्क भी शामिल है।

संगठन ने बताया कि इनमें से ज्यादातर वाहन हर रोज 60 से 120 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। कुछ की दूरी तो 150 से 200 किलोमीटर तक होती है। इससे वे इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील किए जाने के लिए उपयुक्त हो जाते हैं। सायम ने कहा, ‘ये वाहन शहरी लॉजिस्टिक और अंतिम ग्राहक तक की डिलिवरी का अभिन्न अंग हैं तथा इनका रोजाना ज्यादा उपयोग इलेक्ट्रिफिकेशन के पर्यावरण और आर्थिक दोनों ही फायदों में इजाफा करेगा।’

First Published - August 17, 2025 | 9:36 PM IST

संबंधित पोस्ट