किफायती मकानों (Affordable Housing) की हिस्सेदारी में कमी देखी जा रही है। इस साल की पहली छमाही में कुल मकानों की बिक्री में किफायती मकानों की बिक्री घटकर 20 फीसदी रह गई। इसकी वजह जमीन समेत अन्य उच्च लागत और बडे आकार के घरों की मांग बढ़ना है।
रियल एस्टेट रिसर्च फर्म एनारॉक समूह के मुताबिक वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान देश के 7 प्रमुख शहरों में 2.29 लाख मकान बिके। इनमें करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी के साथ किफायती मकानों की संख्या 46,650 रही। वर्ष 2022 की पहली छमाही में कुल बिके 1.84 लाख मकानों में 31 फीसदी हिस्सेदारी के साथ किफायती मकानों की संख्या 57,060 रही। इस तरह किफायती मकानों की हिस्सेदारी 31 फीसदी से घटकर 20 फीसदी रह गई।
इस साल पहली छमाही में सबसे ज्यादा 17,470 किफायती मकान मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में बिके। इसके बाद 9,700 मकान पुणे में, दिल्ली—एनसीआर में 8,680 मकान, कोलकाता में 4,990 मकान, बेंगलुरु में 3,270 मकान, चेन्नई में 1,820 मकान और हैदराबाद में 720 मकान बिके।
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एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं कि इस साल की पहली छमाही में किफायती मकानों की हिस्सेदारी घटकर 20 फीसदी रह गई है। जमीन की लागत काफी बढ़ गई है। ऐसे में जमीन समेत अन्य उच्च लागत पर कम मार्जिन वाले मकान बनाना अव्यवहारिक है।
कम लागत के मकान बनाने के लिए तकनीक का अभाव भी किफायती आवास क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती है। बिल्डर मांग अच्छी होने के कारण मिड रेंज, प्रीमियम और लग्जरी आवास परियोजनाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इससे भी किफायती आवास परियोजनाओं पर असर पड़ा है।
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किफायती मकानों की मांग घटने के साथ ही इनकी नई आपूर्ति की हिस्सेदारी भी सुस्त पड गई है। वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान 7 प्रमुख शहरों में 2.12 लाख नये मकान लॉन्च हुए। इनमें से 39,220 मकान किफायती थे। किफायती मकानों की हिस्सेदारी 18 फीसदी रही, जबकि वर्ष 2022 की पहली छमाही में लॉन्च हुए मकानों में किफायती मकानों की हिस्सेदारी 23 फीसदी थी। पिछले साल की पहली छमाही में लॉन्च हुए 1,71,290 मकानों में 38,820 किफायती मकान थे।