facebookmetapixel
1 करोड़ का घर खरीदने के लिए कैश दें या होम लोन लें? जानें चार्टर्ड अकाउंटेंट की रायदुनियाभर में हालात बिगड़ते जा रहे, निवेश करते समय….‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्या सलाह दी?SEBI की 12 सितंबर को बोर्ड मीटिंग: म्युचुअल फंड, IPO, FPIs और AIFs में बड़े सुधार की तैयारी!Coal Import: अप्रैल-जुलाई में कोयला आयात घटा, गैर-कोकिंग कोयले की खपत कमUpcoming NFO: पैसा रखें तैयार! दो नई स्कीमें लॉन्च को तैयार, ₹100 से निवेश शुरूDividend Stocks: 100% का तगड़ा डिविडेंड! BSE 500 कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेUpcoming IPOs: यह हफ्ता होगा एक्शन-पैक्ड, 3 मेनबोर्ड के साथ कई SME कंपनियां निवेशकों को देंगी मौकेरुपये पर हमारी नजर है, निर्यातकों की सहायता लिए काम जारी: सीतारमणमहंगाई के नरम पड़ने से FY26 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में कमी संभव: CEA अनंत नागेश्वरनOYO की पैरेंट कंपनी का नया नाम ‘प्रिज्म’, ग्लोबल विस्तार की तैयारी

किफायती मकानों की हिस्सेदारी घटी

Affordable Housing: रियल एस्टेट रिसर्च फर्म एनारॉक समूह के मुताबिक वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान देश के 7 प्रमुख शहरों में 2.29 लाख मकान बिके।

Last Updated- July 23, 2023 | 4:38 PM IST
Housing_home

किफायती मकानों (Affordable Housing) की हिस्सेदारी में कमी देखी जा रही है। इस साल की पहली छमाही में कुल मकानों की बिक्री में किफायती मकानों की बिक्री घटकर 20 फीसदी रह गई। इसकी वजह जमीन समेत अन्य उच्च लागत और बडे आकार के घरों की मांग बढ़ना है।

किफायती मकानों की हिस्सेदारी 31 फीसदी से घटकर 20 फीसदी

रियल एस्टेट रिसर्च फर्म एनारॉक समूह के मुताबिक वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान देश के 7 प्रमुख शहरों में 2.29 लाख मकान बिके। इनमें करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी के साथ किफायती मकानों की संख्या 46,650 रही। वर्ष 2022 की पहली छमाही में कुल बिके 1.84 लाख मकानों में 31 फीसदी हिस्सेदारी के साथ किफायती मकानों की संख्या 57,060 रही। इस तरह किफायती मकानों की हिस्सेदारी 31 फीसदी से घटकर 20 फीसदी रह गई।

इस साल पहली छमाही में सबसे ज्यादा 17,470 किफायती मकान मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में बिके। इसके बाद 9,700 मकान पुणे में, दिल्ली—एनसीआर में 8,680 मकान, कोलकाता में 4,990 मकान, बेंगलुरु में 3,270 मकान, चेन्नई में 1,820 मकान और हैदराबाद में 720 मकान बिके।

Also Read: परियोजना के मुताबिक दिवाला समाधान पर हो रहा है काम

कम मार्जिन के बीच उच्च लागत से बिल्डरों की रुचि कम  

एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी कहते हैं कि इस साल की पहली छमाही में किफायती मकानों की हिस्सेदारी घटकर 20 फीसदी रह गई है। जमीन की लागत काफी बढ़ गई है। ऐसे में जमीन समेत अन्य उच्च लागत पर कम मार्जिन वाले मकान बनाना अव्यवहारिक है।

कम लागत के मकान बनाने के लिए तकनीक का अभाव भी किफायती आवास क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती है।  बिल्डर मांग अच्छी होने के कारण मिड रेंज, प्रीमियम और लग्जरी आवास परियोजनाओं पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इससे भी किफायती आवास परियोजनाओं पर असर पड़ा है।

Also Read: लक्जरी मकानों की जबरदस्त मांग, DLF ने महज 72 घंटों में 1 अरब डॉलर की प्रीमियम रिहायशी परियोजना बेची

किफायती मकानों की नई आपूर्ति भी सुस्त

किफायती मकानों की मांग घटने के साथ ही इनकी नई आपूर्ति की हिस्सेदारी भी सुस्त पड गई है। वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान 7 प्रमुख शहरों में 2.12 लाख नये मकान  लॉन्च  हुए। इनमें से 39,220 मकान किफायती थे। किफायती मकानों की हिस्सेदारी 18 फीसदी रही, जबकि वर्ष 2022 की पहली छमाही में लॉन्च हुए मकानों में किफायती मकानों की हिस्सेदारी 23 फीसदी थी। पिछले साल की पहली छमाही में लॉन्च हुए 1,71,290 मकानों में 38,820 किफायती मकान थे।

First Published - July 23, 2023 | 4:38 PM IST

संबंधित पोस्ट