परेशानी से जूझ रही विमान कंपनी SpiceJet की आर्थिक स्थिति और खराब हो सकती है। कंपनी लगभग ढाई साल से कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) का पैसा जमा नहीं करा पा रही है।
CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) को भेजी गई एक पूछताछ के जवाब में पता चला है कि आखिरी बार जनवरी 2022 में 11,581 कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि जमा किया गया था। इसके बाद से EPFO ने बकाया राशि के बारे में SpiceJet को कई नोटिस और समन जारी किए हैं, लेकिन अभी तक एयरलाइन ने कोई जवाब नहीं दिया है।
ये खुलासा स्पाइसजेट की पहले से ही खराब चल रही आर्थिक स्थिति को और भी खराब करता है। इस साल कंपनी के शेयरों में 7.6 फीसदी की गिरावट आई है, हालांकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले अभी भी 86 फीसदी की बढ़त है। फरवरी में खबरें आई थीं कि कंपनी के पास पैसों की कमी और नकदी की समस्याओं के चलते ईपीएफओ जमा राशि में देरी हो रही है, जिसके कारण जनवरी के वेतन में भी देरी हुई थी।
स्पाइसजेट पर दिवालिया होने का खतरा
स्पाइसजेट इस वक्त कई विमान लीज देने वाली कंपनियों के साथ कानूनी लड़ाई में फंसी हुई है। इनमें से कुछ कंपनियां विमान लीज का समय बढ़ाने में भी हिचकिचा रही हैं। विमान लीज देने वाली तीन कंपनियों ने कुल 77 करोड़ रुपये के बकाए का हवाला देते हुए दिवालिया घोषित करने की अर्जी लगाई है। इन अर्जियों के चलते नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने 18 अप्रैल को इस कम लागत वाली विमान कंपनी को नोटिस जारी किया था।
KAL Airways ने मांगी हर्जाने की भरपाई
एक अन्य कानूनी लड़ाई में, KAL Airways और कलानिधि मारन ने सुप्रीम कोर्ट में SpiceJet और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया फैसले को भी चुनौती दी है। यह विवाद फरवरी 2015 का है, जब मारन और उनकी निवेश कंपनी KAL Airways ने स्पाइसजेट में अपनी 58.46% हिस्सेदारी सिंह को बेच दी थी। उस वक्त सिंह ने एयरलाइन की लगभग 1500 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने ऊपर लेने की सहमति जताई थी।
लेकिन अब मारन और KAL Airways का आरोप है कि उन्होंने स्पाइसजेट को वॉरंट और प्रेफरेंस शेयर जारी करने के लिए 679 करोड़ रुपये का भुगतान किया था, लेकिन ये शेयर कभी आवंटित नहीं किए गए। इसी मामले को लेकर मारन ने SpiceJet और सिंह के खिलाफ मध्यस्थता कार्यवाही शुरू की थी।