Q2 results : पिछली दो तिमाही में भारतीय कंपनी जगत के मुनाफे में तेज बढ़ोतरी हुई है मगर सेंसेक्स की कमाई पर इसका असर अभी नहीं दिखा है। बेंचमार्क सूचकांक की प्रति शेयर आय (ईपीएस) पिछले वित्त वर्ष की तुलना में महज 7.2 फीसदी बढ़कर आज 2,826.3 रुपये रही जो नवंबर 2022 के अंत में 2,635.7 रुपये थी। प्रति शेयर आय में देश की शीर्ष 30 कंपनियों का कुल मुनाफा लिया जाता है।
इससे देश की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों की कमाई में वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 के उच्चतम स्तर से तेज गिरावट का संकेत मिलता है। सेंसेक्स का ईपीएस वित्त वर्ष 2023 में साल भर पहले के मुकाबले 32.1 फीसदी बढ़ा था और वित्त वर्ष 2022 में साल भर पहले से 31.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी।
पिछली दो तिमाही में कंपनियों की कुल आय वृद्धि दो अंक में रही है। इसकी तुलना में सूचकांक में शामिल कंपनियों की आय में तेज गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के लिए दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने वाली करीब 3,000 सूचीबद्ध कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 43.1 फीसदी बढ़कर
3.26 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के गौतम दुग्गड़, देवेन मिस्त्री और अंशुल अग्रवाल ने वित्त वर्ष 2024 के तिमाही नतीजों की अंतरिम समीक्षा में लिखा है, ‘कंपनियों की कमाई में वृद्धि मुख्य रूप से बैंक एवं वित्तीय (बीएफएसआई) कंपनियों और वाहन विनिर्माताओं के दम पर आई है। बीएफएसआई कंपनियों का मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 41 फीसदी बढ़ा है। इसी तरह मारुति सुजूकी के दमदार प्रदर्शन की बदौलत वाहन कंपनियों का मुनाफा इस दौरान 45 फीसदी बढ़ा है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों के मुनाफे में भी वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में इजाफा हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में इन्हें घाटा हुआ था।’
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनियों की आय वृद्धि में सबसे ज्यादा योगदान इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का रहा है। इन तीनों कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा करीब 27,000 करोड़ रुपये रहा, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में इन्हें 3,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इन कंपनियों ने दूसरी तिमाही में कंपनियों की कुल आय वृद्धि में करीब एक-तिहाई का योगदान दिया। मगर इनमें से कोई भी तेल मार्केटिंग कंपनी सेंसेक्स में शामिल नहीं है।
सूचकांक से बाहर की एक अन्य कंपनी अदाणी पावर कंपनियों की कुल आय वृद्धि में चौथी सबसे ज्यादा योगदान देने वाली कंपनी रही। इसके बाद ओएनजीसी का योगदान रहा। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में कंपनियों की कुल आय वृद्धि में इन पांचों कंपनियों की हिस्सेदारी 43 फीसदी रही। कंपनियों की आय वृद्धि में योगदान देने वाली ये पांचों शीर्ष कंपनियां सेंसेक्स का हिस्सा नहीं हैं।
विश्लेषकों ने यह भी कहा कि सूचकांक की कुल आय और ईपीएस पर सूचकांक में शामिल अगल-अलग कंपनियों के भारांश का असर पड़ता है। ज्यादा भारांश वाले शेयर का सूचकांक के कुल ईपीएस पर ज्यादा असर पड़ता है।