facebookmetapixel
सीतारमण बोलीं- GST दर कटौती से खपत बढ़ेगी, निवेश आएगा और नई नौकरियां आएंगीबालाजी वेफर्स में 10% हिस्सा बेचेंगे प्रवर्तक, डील की वैल्यूएशन 40,000 करोड़ रुपये तकसेमीकंडक्टर में छलांग: भारत ने 7 नैनोमीटर चिप निर्माण का खाका किया तैयार, टाटा फैब बनेगा बड़ा आधारअमेरिकी टैरिफ से झटका खाने के बाद ब्रिटेन, यूरोपीय संघ पर नजर टिकाए कोलकाता का चमड़ा उद्योगबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोलीं सीतारमण: GST सुधार से हर उपभोक्ता को लाभ, मांग में आएगा बड़ा उछालGST कटौती से व्यापारिक चुनौतियों से आंशिक राहत: महेश नंदूरकरभारतीय IT कंपनियों पर संकट: अमेरिकी दक्षिणपंथियों ने उठाई आउटसोर्सिंग रोकने की मांग, ट्रंप से कार्रवाई की अपीलBRICS Summit 2025: मोदी की जगह जयशंकर लेंगे भाग, अमेरिका-रूस के बीच संतुलन साधने की कोशिश में भारतTobacco Stocks: 40% GST से ज्यादा टैक्स की संभावना से उम्मीदें धुआं, निवेशक सतर्क रहेंसाल 2025 में सुस्त रही QIPs की रफ्तार, कंपनियों ने जुटाए आधे से भी कम फंड

SECL विस्तार की राह पर, गेवरा को बनाएगी दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान

गेवरा खदान के बारे में मिश्रा ने बताया कि यह एक खुली खदान है, जो 27 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।

Last Updated- June 11, 2023 | 3:19 PM IST
कोल इंडिया

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) अपनी गेवरा खदान की क्षमता बढ़ाकर सात करोड़ टन करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे चालू वित्त वर्ष के अंत तक गेवरा दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक खान बन जाएगी। कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक प्रेम सागर मिश्रा ने यह जानकारी दी।

मिश्रा ने बिलासपुर में पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 193 किलोमीटर दूर कोरबा में स्थित एसईसीएल की गेवरा खदान वर्तमान में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी कोयला खान है।

उन्होंने बताया कि दो सबसे बड़ी कोयला खानें अमेरिका में हैं जबकि एक इंडोनेशिया में है। मिश्रा ने कहा, ‘‘हम गेवरा खान के विस्तार की प्रक्रिया में हैं। हम इसे दुनिया का सबसे बड़ी कोयला उत्पादक स्थल बनाना चाहते हैं। हमारा गेवरा की उत्पादन क्षमता को सात करोड़ टन सालाना करने का लक्ष्य है।’’ वित्त वर्ष 2022-23 में गेवरा खान का उत्पादन 5.25 करोड़ टन रहा था।

मिश्रा ने कहा कि यह साल के लिए हमारे तय लक्ष्य से अधिक है। सात करोड़ टन का लक्ष्य कब तक हासिल होगा इस सवाल पर कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि हमारा इसे चालू वित्त वर्ष के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य है। हमें पर्यावरणीय मंजूरी का इंतजार है, जो वित्त वर्ष के मध्य तक मिल सकती है।

उन्होंने कहा कि कंपनी ने लगभग दो करोड़ टन उत्खनन क्षमता के लिए पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन किया है। गेवरा खदान के बारे में मिश्रा ने बताया कि यह एक खुली खदान है, जो 27 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है। करीब 600 मीटर की गहराई तक खदान की खुदाई की गई है। ब्लॉक से रोजाना करीब 1.5 लाख टन कोयले का खनन होता है।

एसईसीएल गेवरा को पेंड्रा रोड से जोड़ने वाला एक रेलवे गलियारा और दो ‘साइलो’ भी बना रही है। इसके अलावा वह ब्लॉक से कोयले के तेजी से लदान और परिवहन के लिए दो करोड़ टन सालाना क्षमता का कोयला रखरखाव संयंत्र स्थापित करने की भी प्रक्रिया में है।

First Published - June 11, 2023 | 3:19 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट