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ईएसजी रेटिंग ढांचे के हक में नहीं सेबी

Last Updated- December 12, 2022 | 2:31 AM IST

पर्यावरण, सामाजिक व गवर्नेंस (ईएसजी) के मामले में अव्वल कंपनियां निवेशकों की पसंदीदा बनने के बावजूद बाजार नियामक सेबी ने ईएसजी रेटिंग्स को लेकर नियमों का ढांचा बनाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
नियामकीय सूत्रों के मुताबिक, रेटिंग के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले विस्तृत आंकड़ों के साथ-साथ अन्य तरजीही मानकोंं की दरकार होती है, जिसका अभाव देखा जा रहा है। बाजार नियामक नहीं चाहता कि  रेटिंग एजेंसियां उधार लेने वालों की साख के आकलन से आगे किसी और तरह की रेटिंग में शामिल हों।
अभी क्रेडिट रेटिंग एजेंंसियों को ईएसजी से जुड़ी रेटिंग गतिविधियां हाथ में लेने की इजाजत नहीं है। नियामक ने हाल में तब अपना संदेह सामने रखा जब रेटिंग एजेंंसियों ने ईएसजी में निवेश में हो रही बढ़ोतरी के बीच रेटिंग के ढांचे की खातिर उनसे संपर्क किया।
निवेश संबंधी फैसले को अंतिम रूप देने के लिए निवेशक समुदाय के बीच ईएसजी मानक व रेटिंग की अहमियत बढ़ रही है। महामारी के बाद दुनिया भर में यह और लोकप्रिय हो गया है।
सेबी की रिपोर्टिंग के नियमों के तहत कंपनियां ईएसजी से जुड़ी सूचनाएं देती हैं, लेकिन उसमें अक्सर स्थिरता का अभाव होता है क्योंंकि नियामक ने वित्तीय आंकड़ों आदि के संबंध में जिस तरह के मानक बनाए हैं वैसे मानक ईएसजी के लिए नहीं हैं। विशेषज्ञों ने ये बातें कही।
रेटिंग एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, सूचीबद्ध इकाइयों की तरफ से भारत में उस तरह का खुलासा नहीं होता है जो विस्तृत हो। लेकिन नियामक की इस पर नजर है और इस संबंध में कई कदम उठाए हैं। नियामक ने कारोबारी स्थायित्व व जवाबदेही रिपोर्ट शुरू की, जिसने विभिन्न कंपनियों को रिपोर्टिंग की नई आवश्यकता के साथ खुद को जोडऩे का जरिया उपलब्ध कराया है। रिपोर्टिंग की नई आवश्यकता से ईएसजी से संबंधित खुलासे के जरिये ज्यादा पारदर्शिता की उम्मीद है ताकि बाजार के भागीदार इससे जुड़े जोखिम व मौके की पहचान में सक्षम हों। यह वित्त वर्ष 2023 से प्रभावी होगा।
खुलासे के मामले में हालांकि विभिन्न क्षेत्रों के लिए बने मानकों पर जोर दिया गया है और इसके लिए अवधि भी है, जो ईएसजी अनुपालन वाली कंपनियों में निवेश के इच्छुक निवेशकों के लिए निश्चित तौर पर मददगार है। लेकिन इस चरण में नियामक शायद अपंग है क्योंंकि इन बदलावों को लागू होने में वक्त लगेगा।
कंपनी को संगतता व जवाबदेही के मोर्चे पर मापने के लिहाज से ईएसजी अहम है। इसकी अहमियत बढऩे के बावजूद ईएसजी से जुड़े जोखिम को लेकर नाकामी से हर कोई वाकिफ है।
अभी कुछ रेटिंग एजेंसियां स्वैच्छिक आधार पर ईएसजी रेटिंग करती हैं। उदाहरण के लिए उन्होंंने यह सेवा शुरू की है, जो कंपनियो को ईएसजी मानकों पर अंक मुहैया कराती है। उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा, ईएसजी निवेश का तरीका सकारात्मक है और लंबी अवधि के लिहाज से वैल्यू की खातिर मूल्यवान सूचनाएं पाने के लिहाज से मददगार भी है। हालांकि खुलासे को लेकर मौजूदा चलन असंगत है, जो इसे जोखिम भरा बना देता है। इसे प्रभावी बनाने के लिए नियामक उन्हें गवर्नेंस की तरह मौजूदा जोखिम प्रबंधन ढांचे से जोड़ सकता है।

First Published - July 21, 2021 | 11:45 PM IST

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