भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्राइस वाटरहाउस (पीडब्ल्यू) की पूरी तरह से जांच और निरीक्षण करने के आदेश दिए है।
सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के वित्तीय आंकड़ों में घोटाले के मद्देनजर सेबी ने कंपनी के खातों की ऑडिटिंग करने वाली कंपनी पीडब्ल्यू के धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि सेबी की यह जांच मई 2001 को कंपनी की ओर से जारी किए गए अमेरिकन डिपॉजिटरी शेयर (एडीएस) में मचर्ट बैंकरों की भूमिका तक पहुंच जाए। यह वही 8 वर्ष का समय है, जब से कंपनी के आंकडों में जालसाजी की बात कही गई है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कंपनी मामलों के मंत्रालय की ओर से आदेश के अनुसार यह जांच स्वतंत्र रूप से भारतीय चार्टर्ड अकाउंटैंट्स संस्थान की ओर से की जाएगी।
खाल बचाएगी पीडब्ल्यू
प्राइस वाटरहाउस राजू के खुलासे के बाद पूरा एक दिन तो खामोश रही, लेकिन जब हरेक मोर्चे से उस पर आलोचनाओं और तानों की बौछार शुरू हो गई, तो कंपनी ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी।
उसने कहा है कि सत्यम मामले में वह जांच में प्रशासन की पूरी मदद करेगी। कंपनी ने अपने बयान में कहा, ‘पिछले दो दिनों से सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज लिमिटेड के खातों में कथित अनियमितताओं की खबरें मीडिया में आ रही हैं।
प्राइस वाटरहाउस के पास सत्यम के खातों की जांच करने का वैधानिक अधिकार है। प्राइस वाटरहाउस ने लेखा जांच के मौजूदा मानकों के अनुसार पड़ताल की और उसके सामने समुचित प्रमाण भी थे।
ग्राहक की गोपनीयता बरकरार रखने की अपनी बाध्यता के चलते हमारे लिए कथित अनियमितताओं पर टिप्पणी करना संभव नहीं है। फर्म नियामकों और अन्य पक्षों के प्रति अपने कर्तव्य पूरा करने में कोताही नहीं बरतेगी।’