जर्मनी की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सैप भारत को प्रमुख बाजार के साथ-साथ प्रतिभा केंद्र के रूप में देखकर उत्साहित है। यह कहना है सैप के पर्यवेक्षी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुनीत रंजन का।
बेंगलूरु में मीडिया को संबोधित करते हुए रंजन ने कहा कि सैप के नजरिये से देखें, तो तार्किक रूप से भारत न केवल बाजार के दृष्टिकोण से, बल्कि उस दृष्टिकोण से भी अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है, जहां हम शेष विश्व के लिए अत्याधुनिक नवाचार विकसित करने के लिए प्रमुख प्रतिभाओं को आकर्षित करते हैं और उसे कायम रखते हैं।
भारत में सैप के तकरीबन 15,000 कर्मचारी हैं, जो मौलिक अनुसंधान और विकास (आरऐंडडी) पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वैश्विक अनुसंधान एवं विकास कार्यबल का लगभग 40 प्रतिशत भारत में स्थित है। सैप लैब्स इंडिया के प्रबंध निदेशक सिंधु गंगाधरन ने कहा कि इस साल कंपनी ने करीब 1,500 कर्मचारियों को काम पर रखा है और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में निवेश दोगुना होने की उम्मीद है।
सैप लैब्स बेंगलूरु के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास देवनहल्ली में 41 एकड़ का नया परिसर भी बना रही है, जिसमें 15,000 लोगों की क्षमता होगी। गंगाधरन ने कहा ‘पहले चरण में हम साल 2025 की पहली तिमाही तक 3,000 कर्मचारियों को काम पर रखने की योजना बना रहे हैं।’
इस साल की शुरुआत में सैप ने प्राकृतिक-भाषा, जेनरेटिव एआई कोपायलट जूल पेश किया था, जिसका उद्देश्य कारोबार चलाने का तरीका बदलना है। जूल को सैप के क्लाउड एंटरप्राइज पोर्टफोलियो में शामिल किया जाएगा।
रंजन ने कहा कि जूल जैसी सभी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां भारत से यहां विकसित की जा रही हैं।