बीएस बातचीत
पिछले एक साल में कई उत्पादों और वैरिएंट की पेशकश के बाद अमूल ने नई श्रेणी में किस्मत आजमाने की योजना बनाई है। डेरी दिग्गज बिक्री बढ़ाने पर ध्यान दे रही है और उसे जीसीएमएमएफ का राजस्व पिछले साल के 53,000 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 62,000 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। शर्लिन डिसूजा के साथ एक साक्षात्कार में गुजरात मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (अमूल) के प्रबंध निदेशक आर एस सोढी ने कंपनी की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
क्या अमूल ने उत्पादों की कीमतें बढ़ानी शुरू की हैं, क्योंकि लागत लगातार बढ़ रही है?
पिछले दो साल में, अमूल ने सिर्फ एक बार कीमत बढ़ाई। कंपनी ने ऊंची लागत के बावजूद जुलाई में 4-5 प्रतिशत के आसपास कीमतें बढ़ाई थीं। यह कीमत वृद्घि खासकर पैकेजिंग, एनर्जी, और लॉजिस्टिक्स में की गई थी। हमने ऊंची उत्पादन लागत का पूरा बोझ ग्राहकों पर नहीं डाला है, क्योंकि हम अपने उत्पादों की मजबूत बिक्री वृद्घि चाहते हैं। इस साल अब तक, हमने 18 प्रतिशत की बिक्री वृद्घि दर्ज की है। हमारी बिक्री वृद्घि 16 प्रतिशत रही है। हमने जुलाई के बाद अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने का कोई निर्णय नहीं लिया। हम सिर्फ अगले दो महीनों में आइसक्रीम की कीमतों में 4-5 प्रतिशत का इजाफा करेंगे, क्योंकि हमने जुलाई में इन कीमतों में वृद्घि नहीं की थी। बटर, चीज और पनीर जैसे उत्पादों ने पिछले दो साल में अच्छा प्रदर्शन कया है। इन उत्पादों से बिक्री वृद्घि इस साल पिछले साल के मुकाबले बेहतर रही है।
अमूल ने पिछले एक साल में कई नए उत्पाद पेश किए हैं। इन नई पेशकशों को किस तरह की प्रतिक्रिया मिली है?
हमने 20 से ज्यादा उत्पाद और वैरिएंट पेश किए हैं। बिक्री बढ़ाने के लिए यह नए उत्पाद पेश करने के लिहाज से अच्छा समय है। हम नए उत्पादों की स्वीकार्यकता को लेकर उत्साहित हैं। दो तीन साल पहले हमने लैक्टोज-फ्री मिल्क पेश किया, जिसे अब अच्छी सफलता मिली है। ई-कॉमर्स के साथ, अब खास क्षेत्र के लिए विशेष और खास उत्पाद पेश करना आसान हो गया है। इससे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर लैक्टोज-फ्री मिल्क और डार्क चॉकलेट पेश करना आसान हो गया है, क्योंकि इन्हें पारंपरिक वितरण चैनल के जरिये बेचना कठिन और महंगा भी है। ई-कॉमर्स पसंदीदा वितरण चैनल बन गए हैं।
आने वाले महीनों में आपने किन श्रेणियों में प्रवेश करने की योजना बनाई है?
हम फ्रोजन फ्रूट और वेजीटेबल मार्केट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अमूल एकमात्र ब्रांड है जो पूरे भारत में कोल्ड-चेन नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। फिर इस नेटवर्क का हमें लाभ क्यों नहीं उठाना चाहिए और किसानों को अपने फल एवं सब्जियां बेचने में मदद क्यों नहीं करनी चाहिए?
2021-22 के लिए आपका राजस्व लक्ष्य क्या है?
हमें इस साल राजस्व का आंकड़ा 62,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने की संभावना है, क्योंकि हमने इस साल अब तक मजबूत बिक्री और वैल्यू वृद्घि दर्ज की है।
आपकी विस्तार योजनाएं क्या हैं?
हर साल हम डेरी प्रोसेसिंग और कैटल फीड सेगमेंटों में 800 करोड़ रुपये और 1,000 करोड़ रुपये के बीच खर्च करते हैं। हम रोहतक में एक संयंत्र लगा रहे हैं। हमें कोलकाता में भी संयंत्र लगाने के लिए मंजूरियां मिलने का इंतजार है। हम गुजरात (राजकोट), महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और वाराणसी में एक-एक संयंत्र लगा रहे हैं। मौजूदा समय में हमारी क्षमता 3.6 करोड़ लीटर प्रति दिन की है और हम इसे 4.2 करोड़ लीटर पर पहुंचाना चाहते हैं।
अमूल के उत्पादों के लिए निर्यात मांग कैसी है?
हमें उम्मीद है कि हमारा निर्यात इस साल के अंत तक 1,000 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।