भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी कानपुर) ने रिलायंस लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड को ‘जीन थेरेपी’ प्रौद्योगिकी का लाइसेंस दिया है।
आईआईटी कानपुर की जीन थेरेपी तकनीक को रिलायंस लाइफ साइंसेज द्वारा एक स्वदेशी उत्पाद के रूप में विकसित किया जाएगा। इस तकनीक से आंख की आनुवंशिक बीमारियों का इलाज किया जाता है।
संस्थान ने एक बयान में कहा, ”आईआईटी कानुपर के जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग (बीएसबीई) के जयधरन गिरिधर राव और शुभम मौर्य ने पेटेंट तकनीक को विकसित किया है। यह तकनीक एक ‘आनुवंशिक विकार’ के इलाज के लिए ‘जीव के जीन को संशोधित’ करती है।” इसमें कहा गया है कि वायरल वैक्टर का उपयोग करने वाली जीन थेरेपी हाल ही में आणविक चिकित्सा के क्षेत्र में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में उभरी है।
रिलायंस लाइफ साइंसेज के अध्यक्ष के वी सुब्रमण्यम ने कहा कि कंपनी ”इस नवीन प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण की दिशा में काम करेगी।”