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NGHM: इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी एंटरप्राइजेज और L&T का चयन

Green Hydrogen Mission: सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) ने कुल 21 बोलीदाताओं में से 80 कंपनियों का चयन किया है।

Last Updated- March 01, 2024 | 10:04 PM IST
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नैशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (एनजीएचएम) के तहत इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण के लिए भारत की पहली निविदा के लिए केंद्र ने सफल बोलीदाताओं का चयन किया है, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल), अदाणी एंटरप्राइजेज, एलऐंडटी मुख्य रूप से शामिल हैं।

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) ने कुल 21 बोलीदाताओं में से 80 कंपनियों का चयन किया है। इन कंपनियों ने उस इंसेंटिव की मात्रा के लिए बोलियां सौंपी हैं, जो उन्हें इलेक्ट्रोलाइजर की निर्माण क्षमता लगाने के लिए जरूरत होगी। 1.5 गीगावॉट निर्माण के लिए कुल इंसेंटिव 2,220 करोड़ रुपये दिया गया है।

पहले चरण की बोलियों में ‘बकेट-फिल’ मैथड पर अमल किया गया। इसमें, 1.2 गीगावॉट किसी भी वै​श्विक प्रौद्योगिकी और शेष गीगावॉट स्वदेशी को निर्धारित किया जा सकता है। मुख्य इंसेंटिव 4,440 रुपये प्रति किलोवॉट से मिलना शुरू होगा और हर साल यह धीरे धीरे कम होता जाएगा। इंसेंटिव की अव​धि पांच साल होगी।

सीईसीआई ने पिछले साल हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण, दोनों के लिए निविदा जारी की थी। अपनी पहली ग्रीन हाइड्रोजन निर्माण निविदा के लिए एसईसीआई ने उस इंसेंटिव के ​खिलाफ बोलियां मंगाई, जो केंद्र ने ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर की स्थापना के मकसद से स्ट्रैटजिक इंटरवेंशंस फॉर ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांजीशन (साइट) के तहत आवंटित किया था।

साइट प्रोग्राम इस साल के शुरू में घो​षित एनजीएचएम के तहत चार मुख्य घटकों में से एक है। सरकार ने जून में कहा था कि इस मिशन के पहले चरण में 0.3 गीगावॉट की स्वदेशी क्षमता के साथ 1.5 गीगावॉट क्षमता का इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण किया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नैशनल हाइड्रोजन मिशन के लिए 19,500 करोड़ रुपये के शुरुआती व्यय को मंजूरी प्रदान की थी।

प्रधानमंत्री द्वारा 2021 में 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाषण के दौरान इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की गई थी। मिशन में चार घटक होंगे जिनका मकसद ग्रीन हाइड्रोजन का घरेलू उत्पादन बढ़ाना और इलेक्ट्रोलाइजर निर्माण को प्रोत्साहन देना होगा।

ग्रीन हाइड्रोजन तैयार करने के लिए इलेक्ट्रोलाइजर एक मुख्य घटक है। केंद्र ने एक बयान में कहा है कि इस मिशन के लिए शुरुआत व्यय में साइट कार्यक्रम के लिए 17,490 करोड़ रुपये, परीक्षण परियोजना के लिए 1,466 करोड़ रुपये, आरऐंडडी के लिए 400 करोड़ रुपये और मिशन के अन्य घटकों के लिए 388 करोड़ रुपये शामिल हैं।

First Published - March 1, 2024 | 10:04 PM IST

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