सोहम मुखर्जी को अपने बचपन की वो सवारी आज भी याद है, जब वे पिता के चेतक स्कूटर के आगे खड़े होकर इंडिया गेट के पास से गुजरते थे। स्कूटर की छोटी-छोटी परेशानियां—जैसे कम पेट्रोल में उसे झुकाना या स्टार्ट करने के लिए बार-बार किक मारना—आज भी उनके ज़ेहन में ताज़ा हैं।
जब 2020 में बजाज ने चेतक को इलेक्ट्रिक अवतार में दोबारा लॉन्च किया, तो ये सारी यादें फिर से लौट आईं।
पिछले हफ्ते रिलायंस द्वारा कैल्विनेटर ब्रांड के अधिग्रहण के बाद सोशल मीडिया पर भी कुछ ऐसी ही पुरानी यादें ताज़ा हो गईं। 1970 और 80 के दशक में घर-घर में मशहूर रहे इस फ्रिज ब्रांड के पुराने विज्ञापन दोबारा वायरल होने लगे—खासतौर पर वह ऐड जिसमें फ्रिज खोलते ही बुज़ुर्ग के नकली दांत खड़खड़ाने लगते हैं।
कभी ‘The Coolest One’ टैगलाइन के साथ देश में होम रेफ्रिजरेशन को आम बनाने वाले कैल्विनेटर की वापसी अब रिलायंस के कंज्यूमर प्रोडक्ट पोर्टफोलियो को और मज़बूत बना सकती है।
रिलायंस इससे पहले भी ऐसे नॉस्टैल्जिक ब्रांड्स को नए अंदाज़ में लॉन्च कर चुकी है। अगस्त 2022 में कंपनी ने Campa Cola को ₹22 करोड़ में खरीदा था। एक दौर में हर घर में मशहूर यह कोला ब्रांड लगभग गायब हो चुका था, लेकिन रिलायंस ने इसे फिर से छोटे शहरों और किराना चैनलों के जरिए लॉन्च किया।
इसके बाद Sosyo में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी गई—यह गुजरात का 1923 में शुरू हुआ कार्बोनेटेड ड्रिंक ब्रांड है।
रेडिफ्यूजन के चेयरमैन संदीप गोयल कहते हैं, “रिलायंस ने Campa के साथ अच्छा काम किया है। उसके पास अब BPL और Kelvinator जैसे ब्रांड्स भी हैं।” वह रिलायंस की रणनीति को ‘नॉस्टैल्जिया बराबर पहचान’ मानते हैं—यानि पुराना जाना-पहचाना नाम नए अनजान ब्रांड से बेहतर होता है।
हालांकि, सिर्फ यादों से ब्रांड नहीं बिकते। गोयल के मुताबिक, सही प्राइसिंग, रिटेल में उपस्थिति और एडवर्टाइजिंग बेहद अहम हैं। “शायद Kelvinator के साथ भी यही मॉडल अपनाया जाएगा।”
रिलायंस ही नहीं, अन्य कंपनियां भी पुराने ब्रांड्स को दोबारा लाने की कोशिश कर रही हैं।
दुनिया भर में कई पुराने ब्रांड्स की वापसी हो चुकी है:
ब्रांड एक्सपर्ट समीत सिन्हा का कहना है कि सिर्फ पुरानी यादों के भरोसे सफलता नहीं मिलती। “पहली शर्त है कि ब्रांड को उसके दौर में लोग सच में पसंद करते थे, और दूसरी ये कि आज भी ऐसे लोग हैं जिन्हें वह ब्रांड याद है।”
वे कहते हैं कि Campa Cola को भले रिलायंस ने फिर से उतारा, लेकिन असली सफलता प्राइसिंग और डिस्ट्रीब्यूशन से मिली। वहीं Royal Enfield इसका बेहतर उदाहरण है, जिसे Eicher ने दोबारा सफल बना दिया। दूसरी तरफ, Jawa और Yezdi जैसी बाइक्स उतनी कामयाबी नहीं पा सकीं।
सिर्फ नॉस्टैल्जिया की मदद से कोई भी ब्रांड लंबे समय तक नहीं चल सकता। उपभोक्ता की बदलती ज़रूरतों, कीमत, क्वालिटी और वितरण तंत्र पर ध्यान देना होगा।
गoyal कहते हैं, “नॉस्टैल्जिया एक कोमल भावना है, जो अच्छे पलों की याद दिलाती है। लेकिन क्या ये खरीदारी की वजह बन सकती है? शायद ही कभी।”
अब रिलायंस के सामने चुनौती है कि Kelvinator को सिर्फ एक याद भर न बनाकर आज के दौर का प्रासंगिक और कूल ब्रांड बनाया जाए — भले ‘coolest one’ न सही, लेकिन कम से कम आज की ज़रूरतों के मुताबिक तो हो।