facebookmetapixel
अगस्त में खुदरा महंगाई मामूली बढ़कर 2.07 प्रतिशत हुई, ग्रामीण और शहरी इलाकों में कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्जGST दरें घटने पर हर महीने कीमतों की रिपोर्ट लेगी सरकार, पता चलेगा कि ग्राहकों तक लाभ पहुंचा या नहींSEBI ने कहा: लिस्टेड कंपनियों को पारिवारिक करार का खुलासा करना होगा, यह पारदर्शिता के लिए जरूरीनई SME लिस्टिंग जारी, मगर कारोबारी गतिविधियां कम; BSE-NSE पर सौदों में गिरावटदुर्लभ खनिज मैग्नेट की कमी से जूझ रहा है भारतीय वाहन उद्योग, सरकार से अधिक सहयोग की मांगसरकारी बैंकों के बोर्ड को मिले ज्यादा अधिकार, RBI नियमन और सरकार की हिस्सेदारी कम हो: एक्सपर्ट्सGST Reforms का फायदा लूटने को तैयार ई-कॉमर्स कंपनियां, त्योहारों में बिक्री ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमानFY26 में भारत का स्मार्टफोन निर्यात $35 अरब छूने की राह पर, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में तेजी: वैष्णवSEBI ने IPO और MPS नियमों में दी ढील, FPI रजिस्ट्रेशन के लिए सिंगल विंडो शुरू करने का ऐलानअधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

क्रिकेट प्रसारण अधिकारों के लिए Reliance और Disney ने मांगी एंटीट्रस्ट मंजूरी: रिपोर्ट

डिज़्नी और रिलायंस के पास इस वक्त डिजिटल और टीवी क्रिकेट प्रसारण अधिकार हैं, जिनकी कीमत अरबों डॉलर है।

Last Updated- May 23, 2024 | 11:40 PM IST
IPL
प्रतीकात्मक फोटो

रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज़्नी ने अपनी 8.5 बिलियन डॉलर की भारतीय मीडिया विलय को मंजूरी के लिए दायर किया है। उनका कहना है कि विलय के बाद भी क्रिकेट प्रसारण पर उनका संयुक्त दबदबा विज्ञापनदाताओं को प्रभावित नहीं करेगा। दो सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि फरवरी में घोषित इस डील की कड़ी जांच हो सकती है क्योंकि इससे भारत की सबसे बड़ी मनोरंजन कंपनी बन जाएगी, जिसके पास 120 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग सेवाएं होंगी। साथ ही, इसके पास क्रिकेट के प्रसारण अधिकार भी होंगे, जो भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है।

रिलायंस और डिज़्नी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को बताया है कि क्रिकेट प्रसारण अधिकार उन्हें एक खुली और प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिए मिले थे। सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर यह जानकारी दी।

कंपनियों का दावा है कि इस विलय से दूसरे प्रतिस्पर्धियों को कोई नुकसान नहीं होगा, क्योंकि 2027 और 2028 में जब मौजूदा प्रसारण अधिकार खत्म हो जाएंगे, तो वो नये सिरे से बोली लगा सकते हैं।

अब सीसीआई उनकी गोपनीय फाइलिंग की समीक्षा करेगी। हालांकि आमतौर पर मंजूरी कई हफ्तों में मिल जाती है, लेकिन अगर सीसीआई संतुष्ट नहीं होती है और ज्यादा जानकारी मांगती है, तो इसमें ज्यादा समय लग सकता है।

डिज़्नी और रिलायंस के पास इस वक्त डिजिटल और टीवी क्रिकेट प्रसारण अधिकार हैं, जिनकी कीमत अरबों डॉलर है। इन अधिकारों में दुनिया की सबसे मूल्यवान क्रिकेट प्रतियोगिता इंडियन प्रीमियर लीग, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद के मैच और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के मैच शामिल हैं।

इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही है कि विलय के बाद बनी कंपनी का विज्ञापनदाताओं और उपभोक्ताओं पर काफी दबदबा हो सकता है। सीसीआई के पूर्व विलय प्रमुख के.के. शर्मा ने मार्च में कहा था कि नियामक इस बात को लेकर चिंतित हो सकता है क्योंकि “कोई भी क्रिकेट अधिकार बाकी नहीं बचेंगे” क्योंकि डिज़्नी-रिलायंस का क्रिकेट पर “पूरा नियंत्रण” हो जाएगा।

जेफरीज ने अनुमान लगाया है कि डिज़्नी-रिलायंस वाली संस्था टीवी और स्ट्रीमिंग सेगमेंट में विज्ञापन बाजार का 40% हिस्सा अपने नाम कर लेगी।

सूत्रों के मुताबिक, कंपनियों ने अपनी फाइलिंग में सीसीआई को बताया है कि विज्ञापनदाताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि क्रिकेट देखने वाले उपभोक्ताओं को कई अन्य प्रतिस्पर्धी प्लेटफॉर्म पर टारगेट किया जा सकता है, जहां वो पहले से ही यूट्यूब और मेटा जैसी सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

उसी तरह कंपनियों का कहना है कि भारतीय दर्शक टीवी चैनल, सोशल मीडिया और स्ट्रीमिंग ऐप्स पर हर तरह का कंटेंट देखते हैं, इसलिए विज्ञापनदाताओं को इस डील से कोई नुकसान नहीं होगा। पहले सूत्र ने कहा, “टीवी और डिजिटल के बीच की सीमाएं खत्म हो रही हैं। कंपनियां जनसंख्या के आधार पर विज्ञापन दिखाती हैं। अगर उन्हें डिज़्नी-रिलायंस की विज्ञापन दरें पसंद नहीं आती हैं, तो वे हमेशा कहीं और उपभोक्ताओं को टारगेट कर सकते हैं।”

यह डील भारत के 28 बिलियन डॉलर के मीडिया और मनोरंजन बाजार को बदलकर रख देगी। इस बाजार में रिलायंस-डिज्नी का गठजोड़ नेटफ्लिक्स, अमेज़ॅन प्राइम, ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी से मुकाबला करेगा। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - May 23, 2024 | 10:52 PM IST

संबंधित पोस्ट