facebookmetapixel
GST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम35% करेक्ट हो चुका है ये FMCG Stock, मोतीलाल ओसवाल ने अपग्रेड की रेटिंग; कहा – BUY करें, GST रेट कट से मिलेगा फायदा2025 में भारत की तेल मांग चीन को पीछे छोड़ने वाली है, जानिए क्या होगा असररॉकेट बन गया सोलर फर्म का शेयर, आर्डर मिलते ही 11% दौड़ा; हाल ही में लिस्ट हुई थी कंपनीटायर स्टॉक पर ब्रोकरेज बुलिश, रेटिंग अपग्रेड कर दी ‘BUY’; कहा-करेक्शन के बाद दौड़ेगा शेयरVeg and Non veg thali price: अगस्त में महंगी हुई शाकाहारी और मांसाहारी थालीफिर से दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत-चीन का होगा दबदबा! अमेरिका को मिलेगी टक्कर?त्योहारी सीजन से पहले Audi India ने दी गुड न्यूज! ₹7.8 लाख तक घटा दी कीमतें, चेक करें नई रेट लिस्टGST 2.0 में कॉम्पेंसेशन सेस हटने से डीलर्स को बड़ा नुकसान होने का खतरा, पूर्व ICAI अध्यक्ष ने सुझाया समाधान

पढ़ें, क्यों अपने भविष्य को लेकर इतनी चिंतित है डीजल वाहन कंपनियां

गडकरी ने कहा था कि वाहन उद्योग को ज्यादा कार्बन उत्सर्जित करने वाले डीजल वाहनों का उत्पादन कम करना चाहिए वरना सरकार अतिरिक्त 10% GST लगाने पर विचार कर सकती है।

Last Updated- January 22, 2025 | 10:29 PM IST
India to consider additional 10% tax on diesel engine vehicles

भारत में डीजल इंजन से आगे की सटीक राह इस बात पर निर्भर करती है कि वाहन विनिर्माता नए पावरट्रेन की जरूरत का मूल्यांकन किस तरह करते हैं। इसके लिए उन्हें परिचालन की स्थिति, प्रदर्शन की अपेक्षाएं, ड्यूटी साइकल, सामर्थ्य और खुदरा ईंधन के बुनियादी ढांचे जैसी अपनी विविध जरूरतों को देखना होगा। कमिंस में इंडिया रीजनल लीडर श्वेता आर्य ने बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी। कमिंस टाटा मोटर्स जैसे देश के प्रमुख मझोले और भारी वाणिज्यिक वाहन विनिर्माताओं के लिए भारी डीजल इंजन बनाती है।

सितंबर 2023 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि वाहन उद्योग को ज्यादा कार्बन उत्सर्जित करने वाले डीजल वाहनों का उत्पादन कम करना चाहिए वरना सरकार अतिरिक्त 10 प्रतिशत वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाने पर विचार कर सकती है। इसकी प्रतिक्रिया में प्रमुख वाहनों के शेयर लुढ़क गए तो उन्होंने उसी दिन स्पष्ट किया कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है।

आर्य ने भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘डीजल क्षेत्र में शोध 100 से ज्यादा वर्षों से चल रहा है। इसलिए ग्राहकों को इससे प्रदर्शन और दक्षता मिलती है। डीजल से आगे का रास्ता भी उतना स्पष्ट नहीं होने वाला है। यह वास्तव में अनुप्रयोगों पर निर्भर होने वाला है। यहां तक कि अगर आप राजमार्ग बाजार पर नजर डालें तो यह बात काफी अलग होगी कि लंबी दूरी के ट्रकों की क्या जरूरत है, बनाम खनन ट्रकों की क्या जरूरत है, बनाम आपके छोटी दूरी के वाहनों की क्या जरूरत है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इनमें से प्रत्येक श्रेणी के लिए पर्यावरण के प्रति और ज्यादा अनुकूल समाधानों की दिशा में बढ़ेंगे। लेकिन तब ग्राहक परिचालन की स्थितियों, प्रदर्शन की आवश्यकताओं, ड्यूटी साइकल, सामर्थ्य और नजर आ रहे (खुदरा ईंधन) बुनियादी ढांचे के आधार पर चयन करेंगे।’

 

 

 

First Published - January 22, 2025 | 10:19 PM IST

संबंधित पोस्ट