रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा ने वित्तीय सेवा फर्म के निदेशक पद से उन्हें हटाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में अर्जी दी है जिसमें कहा गया है कि उनकी नियुक्ति फरवरी 2028 तक वैध है। 7 फरवरी को आगामी सालाना आम बैठक में रेलिगेयर सलूजा की जगह नए निदेशक की नियुक्ति का प्रस्ताव लाने जा रही है जो रोटेशन के हिसाब से रिटायर होगा। प्रस्ताव के खिलाफ सलूजा ने अदालत से आदेश देने की मांग की है।
सलूजा की दलील है कि यह प्रस्ताव कंपनी अधिनियम 2013 का उल्लंघन है और 9 दिसंबर 2024 के आरबीआई के निर्देशों के विपरीत है और उनके अनुबंध अधिकार का उल्लंघन करता है। बुधवार को सलूजा के वकील ने अदालत से कहा कि उनकी नियुक्ति साल 2023 में पांच साल की निश्चित अवधि के लिए हुई थी। इसलिए आगामी एजीएम में नियुक्ति पर मतदान का कोई कारण नहीं है।
यह अर्जी ऐसे समय दी गई है जब कंपनी पर नियंत्रण को लेकर संघर्ष चल रहा है जिसमें सबसे बड़ा शेयरधारक बर्मन परिवार है। अतिरिक्त 26 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए बर्मन की खुली पेशकश 27 जनवरी को खुली है जो 7 फरवरी को बंद होगी। बर्मन को हालांकि शुरुआती अर्जी में पक्षकार नहीं बनाया गया है। लेकिन उनके वकील ने कहा कि यह याचिका विचार योग्य नहीं है।