इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) का लाभ वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के दौरान सालाना आधार पर 29.8 प्रतिशत बढ़कर 3,617.2 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व में वृद्धि की वजह से यह इजाफा हुआ। कंपनी की प्रमुख परियोजनाओं और विनिर्माण पोर्टफोलियो में नजर आए शानदार प्रदर्शन के बीच वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एलऐंडटी का परिचालन से राजस्व पिछले साल के मुकाबले 15.5 प्रतिशत बढ़कर 63,678.92 करोड़ रुपये हो गया।
यह लाभ ब्लूमबर्ग के विश्लेषक सर्वेक्षण के 3,400.5 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक रहा। राजस्व भी विश्लेषकों के 62,831.9 करोड़ रुपये के अनुमान से ज्यादा रहा। तिमाही के दौरान एलऐंडटी की ‘अन्य आय’ सालाना आधार पर 47 प्रतिशत बढ़कर 1,357 करोड़ रुपये हो गई। एलऐंडटी के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी आर शंकर रामन ने कहा, ‘15 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि और 30 प्रतिशत की करोपरांत लाभ वृद्धि कंपनी के विभिन्न कारोबारी अनुबंधों के लाभदायक निष्पादन के लिए शुभ संकेत है।’
तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च 15.2 प्रतिशत तक बढ़कर 59,176.17 करोड़ रुपये हो गया। एलऐंडटी के चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा, ‘इस तिमाही में हमने सभी वित्तीय मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। सभी लाभ-हानि मानकों पर बेहतर प्रदर्शन के अलावा रिटर्न अनुपात भी बढ़ा है। कंपनी के परियोजना और विनिर्माण कारोबार लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।’
जून में समाप्त तिमाही में एशियन पेंट्स का शुद्ध लाभ 6 फीसदी घट गया। देश की सबसे बड़ी पेंट निर्माता कंपनी का लाभ घटकर 1,100 करोड़ रुपये रह गया जबकि उसके डेकोरेटिव पेंट (भारत) का कारोबार 3.9 फीसदी बढ़ा। तिमाही के दौरान कंपनी की शुद्ध बिक्री 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ 8939 करोड़ रुपये रही। कंपनी ने कहा कि जून में मॉनसून की गति धीमी रहने के बावजूद उद्योग ने शहरी केंद्रों से मांग में मामूली सुधार देखा। कंपनी ने विज्ञप्ति में बताया कि एशियाई बाजारों, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र में वृद्धि के कारण इंडस्ट्रियल बिजनेस की बिक्री 679.1 करोड़ रुपये के मुकाबले 8.4 फीसदी बढ़कर 736.1 करोड़ रुपये हो गई। कंपनी का एबिटा 1.7 फीसदी घटकर 1854 करोड़ रुपये रहा। एशियन पेंट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिंगले ने अपनी आय रिपोर्ट में कहा, इस तिमाही में पेंट उद्योग में मामूली तेजी देखी गई, जो शहरी केंद्रों से मांग में मामूली सुधार के कारण मुमकिन हुआ। हालांकि जून में मॉनसून के कारण गति धीमी रही। भारत में कोटिंग्स व्यवसाय से हमारा राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 0.2 फीसदी कम रहा।
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सरकार के स्वामित्व वाले बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 32 फीसदी बढ़कर 2,252 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ऋणदाता ने 1,703 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। वित्त वर्ष 2026 की जून तिमाही के दौरान बैंक की कुल आय बढ़कर 20,518 करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2025 की समान तिमाही में 18,240 करोड़ रुपये थी। फंसे कर्ज का स्तर सुधरने से बैंक की गुणवत्ता मजबूत हुई।
स्ट्राइड्स फार्मा साइंस का चालू वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 81 प्रतिशत बढ़कर 114 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का गत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में शुद्ध लाभ 63 करोड़ रुपये रहा था। स्ट्राइड्स फार्मा साइंस ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि सीमक्षाधीन तिमाही में कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 1,054 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,120 करोड़ रुपये हो गया।
पुणे स्थित कोलते-पाटिल डेवलपर्स को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 16.99 करोड़ रुपये का घाटा (कंपनी के मालिकों के कारण) हुआ है, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में उसे 6.23 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था। ब्लैकस्टोन द्वारा 1800 करोड़ रुपये में बहुलांश हिस्सेदारी हासिल करने के बाद यह कंपनी की पहली तिमाही थी, जिससे भारतीय आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में कंपनी का प्रवेश हुआ। कंपनी का परिचालन राजस्व भी सालाना आधार पर 75.82 फीसदी घटकर 82.36 करोड़ रुपये रह गया। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी का कुल खर्च 119.27 करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 64.48 फीसदी कम है।
हैपिएस्ट माइंड्स टेक्नॉलजीज का चालू वित्त वर्ष (2025-26) की पहली तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 11.9 प्रतिशत बढ़कर 57.1 करोड़ रुपये रहा है। बेंगलूरु की इस आईटी कंपनी का गत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में शुद्ध लाभ 51 करोड़ रुपये रहा था।
पीरामल एंटरप्राइजेज ने जून में समाप्त तिमाही (वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही) के दौरान अपने समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 52 प्रतिशत की दमदार वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 276 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले इसी अवधि में यह 181.5 करोड़ रुपये था। इसकी मुख्य वजह बेहतर ऋण वृद्धि रही। प्रबंधनाधीन खुदरा परिसंपत्तियां (एयूएम) सालाना आधार पर 37 प्रतिशत बढ़कर 69,005 करोड़ रुपये हो गईं जबकि गिरवी वाली एयूएम बढ़कर 47,101 करोड़ रुपये हो गई। यह 38 प्रतिशत की वृद्धि है। कंपनी का तिमाही वितरण पिछले साल के मुकाबले 28 प्रतिशत बढ़कर 8,718 करोड़ रुपये हो गया।
पीरामल फाइनैंस के प्रबंध निदेशक जयराम श्रीधरन ने कहा, ‘लाभ के नजरिये से शुद्ध लाभ में खासा इजाफा हुआ और मार्जिन में भी 10 आधार अंकों (बीपीएस) की वृद्धि हुई। एयूएम के मुकाबले परिचालन व्यय, जो हमारे कारोबार का अहम पैमाना होता है, ने लगातार दक्षता दिखाई है और इस तिमाही में भी इसमें गिरावट जारी रही।’
जहां तक परिसंपत्ति की गुणवत्ता का सवाल है, तो सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति अनुपात (जीएनपीए) 2.8 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए अनुपात 2 प्रतिशत रहा। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही संभवतः पीरामल एंटरप्राइजेज और पीरामल फाइनैंस के विलय से पहले की अंतिम तिमाही है, जिसके सितंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
पीरामल फार्मा ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में 82 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा दर्ज किया। मुंबई स्थित दवा कंपनी ने गत वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में 89 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया था। पीरामल फार्मा ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में परिचालन आय घटकर 1,934 करोड़ रुपये रह गई जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,951 करोड़ रुपये थी। पीरामल फार्मा लिमिटेड की चेयरपर्सन नंदिनी पीरामल ने कहा कि तिमाही के दौरान मध्य राजस्व वृद्धि दर्ज की, साथ ही कर पूर्व आय के मुनाफे में भी सुधार हुआ है।