देश की सबसे बड़ी कार विनिर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान अपने समेकित शुद्ध लाभ में 0.8 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की है और यह 3,792.4 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3,759.7 करोड़ रुपये था। हालांकि छोटी कारों की बिक्री में लगातार गिरावट और शहरी बाजारों में कमजोर मांग के कारण घरेलू बिक्री में गिरावट आई। लेकिन निर्यात में 37 प्रतिशत की वृद्धि ने इसकी भरपाई कर दी।
अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी की कुल आय 40,493 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले की समान तिमाही में हुई 36,840 करोड़ रुपये की आय के मुकाबले 10 प्रतिशत अधिक रही। समीक्षाधीन अवधि के दौरान कंपनी की कुल बिक्री 5,27,861 वाहन रही जिसमें से घरेलू बिक्री की हिस्सेदारी लगभग 4,30,889 और निर्यात की हिस्सेदारी 96,972 वाहन रही। मारुति सुजूकी इंडिया के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक (कॉर्पोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘पिछले साल की तुलना में घरेलू बिक्री में करीब 4.5 प्रतिशत की गिरावट की भरपाई निर्यात में 37.4 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि से हुई, जिसके परिणामस्वरूप तिमाही के लिए कुल बिक्री में 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई।’
दिलचस्प यह है कि तिमाही के दौरान उद्योग के निर्यात में 2.1 प्रतिशत तक की गिरावट आई लेकिन मारुति सुजूकी के निर्यात में हुए इजाफे ने उद्योग को तिमाही के दौरान 13 प्रतिशत की बेहतर वृद्धि हासिल करने में मदद की, जिससे कुल उद्योग में कंपनी की निर्यात हिस्सेदारी 47 प्रतिशत हो गई। विदेशों में कंपनी की बिक्री में जापान के बाजार ने बेहतर प्रदर्शन किया, जो यात्री वाहन क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी के लिए तेजी से दूसरा निर्यात गंतव्य बन गया। ज्यादा जानकारी दिए बिना भारती ने कहा कि कंपनी इस वित्त वर्ष में दो नई एसयूवी उतारने की योजना बना रही है।
टीवीएस मोटर कंपनी ने साल 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान शुद्ध लाभ में 610 करोड़ रुपये के साथ 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। पिछले वर्ष इसी अवधि में यह लाभ 461 करोड़ रुपये रहा था। अब तक की सर्वाधिक तिमाही बिक्री की बदौलत यह इजाफा हुआ। कंपनी ने अप्रैल से जून तिमाही के दौरान परिचालन से 12,210 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 10,314 करोड़ रुपये के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान कंपनी ने अब तक की सबसे अधिक तिमाही बिक्री दर्ज की। निर्यात सहित कुल दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री में 17 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई। जून 2025 को समाप्त तिमाही में 12.7 लाख वाहन बिक्री दर्ज की गई, जबकि जून 2024 को समाप्त तिमाही में 11 लाख वाहनों की बिक्री दर्ज की गई थी।
रॉयल एनफील्ड मोटरसाइकल बनाने वाली कंपनी आयशर मोटर्स ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान समेकित शुद्ध लाभ में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है और यह बढ़कर 1,205 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 1,101 करोड़ रुपये था। कंपनी ने परिचालन से अपनी अब तक की सर्वश्रेष्ठ पहली तिमाही की आय 5,042 करोड़ रुपये दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2024-25 की इसी तिमाही के 4,393 करोड़ रुपये की तुलना में 14.8 प्रतिशत अधिक है। एबिटा पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही के 1,165 करोड़ रुपये की तुलना में 3.2 प्रतिशत बढ़कर 1,203 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के दौरान, रॉयल एनफील्ड ने 261,326 मोटरसाइकिलों की बिक्री दर्ज की, जो वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में बेची गई 227,736 मोटरसाइकिलों की तुलना में 14.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 20 प्रतिशत घटकर 2,279 करोड़ रुपये रहा है। मुंबई स्थित इस प्रमुख दवा कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 2,836 करोड़ रुपये रहा था। अपवाद मदों को छोड़कर, पहली तिमाही के लिए कंपनी का समायोजित शुद्ध लाभ छह प्रतिशत बढ़कर 2,996 करोड़ रुपये रहा। सनफार्मा ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसकी कुल आमदनी जून तिमाही में बढ़कर 14,316 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 13,185 करोड़ रुपये थी। भाषा
इंस्टामार्ट के मालिकाना हक वाले खाद्य और ई-कॉमर्स आपूर्ति मंच स्विगी का एकीकृत घाटा चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून में बढ़कर 1,197 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी का घाटा 611 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि उसकी कुल आय जून तिमाही में बढ़कर 5,048 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 3,310 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कंपनी का खर्च बढ़कर 6,244 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल समान अवधि में 3,908 करोड़ रुपये था। स्विगी का शेयर बीएसई में 0.62 प्रतिशत बढ़कर 403.80 रुपये पर बंद हुआ।
जिलेट इंडिया लिमिटेड का अप्रैल-जून तिमाही में शुद्ध लाभ 25.6 प्रतिशत बढ़कर 145.69 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी ने पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 115.97 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। जिलेट इंडिया ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी परिचालन आय 9.5 प्रतिशत बढ़कर 706.72 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 645.33 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कुल व्यय 4.7 प्रतिशत बढ़कर 517.97 करोड़ रुपये हो गया। ‘ग्रूमिंग’ खंड से कंपनी का राजस्व 11 प्रतिशत बढ़कर 576.93 करोड़ रुपये हो गया। ‘ओरल केयर’ से राजस्व 3.3 प्रतिशत बढ़कर 129.79 करोड़ रुपये रहा। जिलेट इंडिया की कुल आय अप्रैल-जून तिमाही में 9.76 प्रतिशत बढ़कर 713.40 करोड़ रुपये हो गई।
रोजमर्रा के सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली देसी कंपनी डाबर इंडिया का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ 2.8 फीसदी बढ़कर 513.9 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के शुद्ध मुनाफे को लगातार पांचवें महीने शहरों के मुकाबले ग्रामीण खपत दमदार रहने से बल मिला है। एक साल पहले की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 500 करोड़ रुपये था। समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की शुद्ध बिक्री एक साल पहले के 3,349.1 करोड़ रुपये के मुकाबले 1.7 फीसदी बढ़कर 3,404.60 करोड़ रुपये रही। इस बीच, कंपनी का ब्याज, मूल्यह्रास और कर से पहले का मुनाफा एक साल पहले के मुकाबले 3.5 फीसदी बढ़कर 811.40 करोड़ रुपये रहा।
डाबर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने अपने बयान में कहा है, ‘कंपनी के इस प्रदर्शन को पोर्टफोलियो के 95 फीसदी हिस्से में दमदार बाजार हिस्सेदारी हासिल करने से बल मिला, जो हमारे उपभोक्ताओं के विश्वास, हमारे ब्रांडों की मजबूती और चुनौतियों का सामना करने तथा अपेक्षाओं से आगे बढ़कर प्रदर्शन करने में हमारी टीमों की चुस्ती को दर्शाता है।’ कंपनी ने कहा कि मूल्य और मात्रा दोनों के लिहाज से शहरों के मुकाबले ग्रामीण वृद्धि 390 आधार अंकों के साथ आगे रही। कंपनी ने यह भी कहा कि तिमाही के दौरान दोनों बाजारों में वृद्धि के बीच का अंतर कम हुआ है, जो शहरी भारत में धीमी मगर स्थिर सुधार का संकेत है।
अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ एक साल पहले के मुकाबले 50 फीसदी घटकर 734.40 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने गिरावट के लिए वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं तथा एकीकृत संसाधन प्रबंधन और वाणिज्यिक खनन व्यवसायों में सूचकांक मूल्य प्राप्ति में कमी का हवाला दिया है।
समीक्षाधीन अवधि में कंपनी की शुद्ध बिक्री में भी गिरावट आई है और यह एक साल पहले के मुकाबले 14 फीसदी कम होकर 21,961 करोड़ रुपये हो गई, जबकि कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन (एबिटा) से पहले की कमाई 12 फीसदी कम होकर 3,786 करोड़ रुपये रही। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय एक साल पहले के मुकाबले 14 फीसदी कम होकर 22,437 करोड़ रुपये रही। मुनाफे में भारी गिरावट के बावजूद अदाणी एंटरप्राइजेज ने अपने बुनियादी ढांचा कारोबारों बढ़ते योगदान पर जोर दिया, जो अब समेकित एबिटा का 74 फीसदी है। कंपनी ने बताया कि इनक्यूबेशन एबिटा 5 फीसदी बढ़कर 2,800 करोड़ रुपये हो गया, जिसकी वजह हवाई अड्डा क्षेत्र से होने वाली आय में 61 फीसदी की दमदार वृद्धि है।
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा, ‘अदाणी एंटरप्राइजेज ने खुद को दुनिया के सबसे सफल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्क्यूबेटरों में से एक के रूप में स्थापित किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे इनक्यूबेटिंग कारोबारों से एबिटा योगदान में उल्लेखनीय वृद्धि हमारे परिचालन मॉडल की मजबूती को दर्शाती है। इस प्रदर्शन का पूरा श्रेय हमारे हवाई अड्डा कारोबार को जाता है, जिसने एबिटा में एक साल पहले के मुकाबले 61 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है।’