पैरामाउंट एयरवेज ने अपनी विस्तार योजना के तहत भारत में सस्ती एयरलाइन खरीदने की संभावना से इनकार कर दिया है।
एयरलाइन का कहना है कि सस्ती विमानन कंपनी खरीदना कंपनी के कारोबारी मॉडल के लिए लाभप्रद नहीं होगा।
पैरामाउंट के प्रबंध निदेशक एम. त्यागराजन ने चेन्नई में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘उनकी कंपनी ने बजट एयरलाइन खरीदने से परहेज करने का निर्णय लिया है।’
उन्होंने कहा, ‘सस्ती एयरलाइन मॉडल भारत के लिए दीर्घकालिक मॉडल नहीं होगा। हालांकि यह अमेरिका और यूरोपीय बाजारों में सफल रहा है।’
पिछले कुछ महीनों से यह खबर फैल रही है कि पैरामाउंट सस्ती विमानन कंपनियों के अधिग्रहण की संभावना तलाश रही है। त्यागराजन ने संकेत दिया कि कंपनी ने सस्ती एयरलाइन के अधिग्रहण की योजनाओं को टाल दिया है।
लेकिन पैरामाउंट के बिजनेस मॉडल के अनुकूल अन्य विमानन कंपनियों के अधिग्रहण का विकल्प खुला हुआ है।
2010-11 तक यूरोप और सुदूरपूर्व जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार के तहत पैरामाउंट की योजना बड़े एयरक्राफ्ट खरीदने की है।
त्यागराजन ने कहा, ”हम अपनी अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी के लिए एयरबस 330, एयरबस 350 या बोइंग 787 एयरक्राफ्ट खरीदने की संभावना तलाश रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय विस्तार के तहत बेंगलुरु जैसे दूसरे दर्जे के शहरों को अंतरराष्ट्रीय ठिकानों से जोड़ने के लिए डायरेक्ट कनेक्टिविटी मुहैया कराने की योजना है।”
पैरामाउंट को अपने सराहनीय सेवा क्षेत्र के लिए हाल ही में जिनेवा में ‘द सेंचुरी इंटरनेशनल क्वालिटी इरा’ गोल्ड कैटेगरी अवार्ड से नवाजा गया था।
उन्होंने कहा कि कुछ सस्ती विमानन कंपनियों ने विलय के लिए पैरामाउंट से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि हालांकि एयरलाइन ने ऐसे सभी प्रस्तावों को खारिज कर दिया है।
उनके अनुसार ये सस्ती एयरलाइनें कंपनी के कारोबारी मॉडल के अनुकूल नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि पैरामाउंट जून या जुलाई, 2008 से पश्चिमी क्षेत्र में संचालन शुरू करेगी।
पश्चिम भारत में कंपनी का पहला आधार पुणे और गोवा में होगा और बाद में अहमदाबाद, वडोदरा और मुंबई से संचालन शुरू किया जाएगा। 2010 तक उत्तर और उत्तर-पूर्व में भी इसका संचालन शुरू हो जाएगा।