किशोर बियाणी के स्वामित्व वाली पैंटालून रिटेल की विकास दर जनवरी में दिसंबर की तुलना में बढ़ी है। कंपनी के मुताबिक, पिछले महीने उनकी कंपनी ने पिछले पांच साल में दूसरी सबसे कम गति से विकास किया है।
मौजूदा परिवेश में उपभोक्ता जहां खर्च करने से बच रहे हैं, वहीं रिटेलर इस समय कई तरह के छूट दे रहे हैं। इससे पहले दिसंबर में कंपनी के रिटेल और लाइफस्टाइल स्टोरों की विकास दर नकारात्मक रही थी।
उस महीने मूल्य के लिहाज से रिटेल स्टोरों की बिक्री में 4 फीसदी की कमी हुई। हालांकि जनवरी में पैंटालून के रिटेल स्टोरों की बिक्री 4 फीसदी ऊपर गई है। लाइफस्टाइल स्टोरों की बात करें तो दिसंबर में इसकी बिक्री 14 फीसदी घटी तो जनवरी में इसमें 12 फीसदी का उछाल आया।
पैंटालून रिटेल के प्रबंध निदेशक किशोर बियाणी ने बताया, ”कुल मिलाकर बाजार के हालात सुधरे हैं। चूंकि हम बाजार के बड़े खिलाड़ी हैं, इसलिए हमें फायदा हो रहा है। दिसंबर में मोबाइल, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की बिक्री जहां कम हुई थी, वहीं जनवरी में इसमें उछाल दर्ज किया गया।”
जानकारों की राय में, जनवरी में बिक्री में हुई वृद्धि की वजह द ग्रेट इंडियन शॉपिंग फेस्टिवल है। यह फेस्टिवल 13 दिसंबर से 7 जनवरी तक चला था। गणतंत्र दिवस के मौके पर भी तीन दिन के लिए शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन किया गया।
गुड़गांव स्थित बिजनेस कंसल्टेंसी फर्म थर्ड आईसाइट के संस्थापक देवांग्शु दत्ता के अनुसार, ‘दिसंबर से जनवरी का महीना डिस्काउंट ऑफरों से भरा रहा। इस वजह से ग्राहकों की आवक बढ़ी। सही तस्वीर तो तब समझ में आएगी जब ये ऑफरों की बरसात रोकेंगे। ग्राहक अभी भी खर्च करने से कतरा रहे हैं और अपने खर्च में कटौती कर रहे हैं।’
विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में कंपनी की विकास दर बहुत ज्यादा नहीं रहने वाली। देश की इस सबसे बड़ी रिटेल कंपनी की जनवरी में बिक्री 690 करोड़ रुपये की रही। हालांकि जानकारों के मुताबिक, इसकी औसत बिक्री 500 करोड़ रुपये ही रहने की उम्मीद है।
स्थानीय ब्रोकरों ने बताया कि अगले चार महीने तक बियाणी का सभी तरह का कारोबार दबाव में रहेगा। उपभोक्ता इस दौरान लाइफस्टाइल सेगमेंट में खर्च करने से बिल्कुल ही कतराएंगे। उपभोक्ता इसकी बजाय अपने आसपास के असंगठित दुकानों से खरीदारी करेंगे।
लाइफस्टाइल रिटेल सेगमेंट के स्टोरों में जनवरी के दौरान 50 फीसदी तक छूट मिलने से बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि इतनी छूट मिलने से मुनाफा प्रभावित होता है।
पैंटालून का कुल मुनाफा 31 दिसंबर को खत्म दूसरी तिमाही में 31 बेसिस प्वाइंट घटा जबकि उसका शुद्ध मुनाफा मार्जिन 38 बेसिस प्वाइंट घटकर 2.2 फीसदी रह गया।
बियाणी की कंपनी पहले ही नगदी की किल्लत को देखते हुए अपनी विस्तार योजना सुस्त कर चुकी है। कंपनी जहां 2011 तक अपना दायरा 3 करोड़ वर्गफीट तक फैलाना लेना चाहती थी, वहीं उसकी योजना अब 2013 तक ऐसा करने की है।
शुभ संकेत
दिसंबर के मुकाबले जनवरी में थोड़ी ही सही, लेकिन बेहतर हुए हैं हालात
जनवरी में पैंटालून के रिटेल स्टोरों में बिक्री चार फीसदी ज्यादा हुई