Paints Stocks: देश की दूसरी सबसे बड़ी डेकोरेटिव पेंट निर्माता बर्जर पेंट्स ने वित्त वर्ष 2024 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले लगातार बेहतर प्रदर्शन किया और बाजार भागीदारी बढ़ाने में कामयाब रही। कंपनी की राजस्व वृद्धि एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 7 प्रतिशत रही, जो एशियन पेंट्स (5.4 प्रतिशत) और कनसाई नैरोलैक पेंट्स (5.7 प्रतिशत) से ज्यादा है।
जहां बर्जर पेंट्स का मुख्य कारोबार 9.1 प्रतिशत तक बढ़ा, वहीं उसने डेकोरेटिव बिक्री में दो अंक की वृद्धि दर्ज की। हालांकि तिमाही में कंपनी की मूल्य वृद्धि (6.4 प्रतिशत) बिक्री वृद्धि के लिहाज से कमजोर रही। इलारा सिक्योरिटीज के विश्लेषक अमित पुरोहित का कहना है, ‘डेकोरेटिव कोटिंग सेगमेंट में मूल्य-बिक्री असमानता नवंबर में की गई कीमत कटौती से पैदा हुई। फिर भी, दूसरी तिमाही के मुकाबले यह अंतर पुट्टी उत्पादों पर कम जोर दिए जाने से घटा है।’
डेकोरेटिव पेंट बिक्री को त्योहारी सीजन से भी मदद मिली थी। हालांकि अक्टूबर में अच्छे प्रदर्शन के बाद भारत में पेंट की मांग पिछले तीन महीनों (नवंबर 2023 से जनवरी 2023) के दौरान नरम पड़ी है। कंपनी का अनुमान है कि औद्योगिक तथा डेकोरेटिव पेंट में मांग जनवरी-मार्च तिमाही में बरकरार रहेगी।
जहां सकल मार्जिन 10 तिमाहियों के ऊंचे स्तर पर रहा वहीं लाभ भी कम नहीं हुआ क्योंकि परिचालन मुनाफा मार्जिन वृद्धि 370 आधार अंक की बढ़त के साथ 16.7 प्रतिशत पर सीमित रही। इसका कारण विज्ञापन एवं प्रोत्साहन का ज्यादा खर्च था जो आईसीसी मेंस क्रिकेट वर्ल्ड कप की वजह से 150 आधार अंक तक बढ़ गया।
कीमत कटौती को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने अपना मार्जिन अनुमान शुरू के 16 से 17 प्रतिशत से घटाकर 15 से 17 प्रतिशत कर दिया है। ऊंची प्रतिस्पर्धा को भी इसकी वजह माना जा रहा है। कोटक रिसर्च ने बर्जर पेंटस के शेयर को ‘बिकवाली’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का कहना है, ‘भले ही बर्जर बेहतर ढंग से परिचालन कर रही है, लेकिन इस क्षेत्र में हम ग्रासिम के प्रवेश के बाद बदलते प्रतिस्पर्धी माहौल की वजह से सतर्क बने हुए हैं।’
बाजार दिग्गज एशियन पेंट्स ने 5.4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की जो बाजार अनुमानों के अनुरूप नहीं है। जहां डेकोरेटिव सेगमेंट में 12 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि को शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों, दोनों से मदद मिली वहीं यह बाजार के अनुमान से कुछ कम रही।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च का कहना है कि त्योहारी अवधि लंबी होने से राजस्व वृद्धि को मदद मिली थी लेकिन कीमत कटौती और प्रतिकूल मिश्रण या लक्जरी सेगमेंट के कम मिश्रण की वजह से सुस्ती बनी हुई है। कंपनी को भविष्य में भी दो अंक में बिक्री वृद्धि बरकरार रहने का अनुमान है। कंपनी को लगता है कि बिक्री-मूल्य वृद्धि अंतर भी घटकर 4 प्रतिशत रह जाने की संभावना है।
अपने छोटे प्रतिस्पर्धियों की तरह, एशियन पेंट्स ने भी 43.6 प्रतिशत के मजबूत सकल मार्जिन के साथ प्रदर्शन किया जो पिछली 11 तिमाहियों में सबसे बेहतर था। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक नवीन त्रिवेदी ने कहा कि बदलते प्रतिस्पर्धी माहौल और कच्चे माल की कीमतों से संबंधित लाभ कमजोर पड़ने से वित्त वर्ष 2025 और/वित्त वर्ष 2026 में सकल मार्जिन पर नजर रखने की जरूरत होगी।
कंपनी का परिचालन मुनाफा 27.6 प्रतिशत बढ़ा, जबकि मार्जिन 22.6 प्रतिशत रहा, जो 393 आधार अंक तक की वृद्धि है और जताए गए अनुमानों से ज्यादा है। यह वृद्धि कच्चे माल की कीमतों में नरमी की वजह से हासिल हुई है। ब्रांड निर्माण गतिविधियों को ध्यान में रखकर कंपनी ने अपना मध्यावधि मार्जिन अनुमान 19 से 20 प्रतिशत पर बनाए रखा है।
तीसरी तिमाही की सुस्ती को ध्यान में रखकर आईआईएफएल रिसर्च ने वित्त वर्ष 2024 से वित्त वर्ष 2026 के लिए राजस्व अनुमान 2 से 4 प्रतिशत तक घटा दिया है। हालांकि इस शेयर पर घटाएं रेटिंग देने वाली ब्रोकरेज फर्म ने सकल मार्जिन सुधार को ध्यान में रखकर भविष्य के लिए अपने परिचालन मुनाफा अनुमानों को बरकरार रखा है।
कनसाई नैरोलैक ने भी डेकोरेटिव पेंट सेगमेंट में दो अंक की वृद्धि दर्ज की है। शहरी बाजारों (बड़े और मझोले शहरों) में दमदार प्रदर्शन की मदद से कंपनी ने शुद्ध बिक्री में 5.7 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की। हालांकि ग्राहकों के किफायती उत्पादों पर जोर दिए जाने और पुट्टी तथा टाइल एड्हेसिव के ऊंचे अनुपात का मतलब है कि मूल्य वृद्धि बिक्री वृद्धि से कम है।
कंपनी प्रबंधन को ग्रामीण मांग में सुधार के साथ वित्त वर्ष 2025 में डेकोरेटिव सेगमेंट में दो अंक की बिक्री वृद्धि बरकरार रहने का अनुमान है। कंपनी ने अपने प्रतिस्पर्धियों की तरह पिछले तीन महीनों के दौरान 2.7 प्रतिशत की कटौती की। उसे लगता है कि अल्पावधि में मूल्य वृद्धि की रफ्तार नरम रहेगी।
औद्योगिक कोटिंग व्यवसाय में बड़ी कंपनी कनसाई नैरोलैक ने मांग में सुधार दर्ज किया है और उसके दो अंक की वृद्धि दर से बढ़ने की संभावना है। कंपनी को अपना मार्जिन 14 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है। इलारा कैपिटल ने सुस्त मांग और बढ़ती प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए ‘घटाएं’ रेटिंग दी है।