हॉस्पिटैलिटी दिग्गज ओयो की पैतृक कंपनी ओरेवल स्टेज ने कॉन्फीडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के तहत बाजार नियामक सेबी के समक्ष अपना ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रोस्पेक्टस (DRHP) शुक्रवार को फिर से सौंप दिया।
कंपनी के आईपीओ का निर्गम आकार घटाकर करीब 40-60 करोड़ डॉलर किया गया है और यह राशि कंपनी का कर्ज चुकाने के प्रयास में प्राथमिक निर्गम के जरिये जुटाई जाएगी। कंपनी को सेबी से मंजूरियां मिलने के बाद इस साल नवंबर में निर्गम पेश किए जाने की संभावना है।
सेबी द्वारा नवंबर 2022 में शुरू की गई कॉन्फीडेंशियल रूट व्यवस्था के तहत, इससे संबद्ध आवेदन प्रक्रिया सिर्फ शुरुआती चरण में नियामक के उपलब्ध होती है।
बाजार में उतार-चढ़ाव और पूजी जरूरत में कमी को ध्यान में रखते हुए सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी ने अपने आईपीओ का आकार घटाया है।
कंपनी के एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बाजार वैश्विक तौर पर उतार-चढ़ाव बना हुआ है और इसका असर भारत में भी दिख रहा है। प्री-फाइलिंग रूट के जरिये आवेदन करने से ओयो को सूचीबद्धता के समय के साथ साथ निर्गम आकार के संबंध में कुछ राहत मिलेगी। कंपनी आईपीओ से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल मुख्य तौर पर अपना कर्ज चुकाने में करेगी। सेबी से मंजूरी मिलने के बाद अब यह निर्गम दीवाली के आसपास बाजार में आने का अनुमान है।’
टाटा प्ले (पूर्व में टाटा स्काई) नवंबर 2022 में प्री-फाइल कॉन्फीडेंशियल डीआरएचपी पेश करने वाली भारत में पहली कंपनी बन गई थी। यह विकल्प अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि जैसे देशों में ही मौजूद रहा है। अमेरिकी बाजार में, स्पॉटीफाई, लिफ्ट, एयरबीएनबी जैसी नए जमाने की कंपनियों ने प्री-फाइल कॉन्फीडेंशियल विकल्प पर जोर दिया था।
ओयो के संस्थापक एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) रितेश अग्रवाल ने सोमवार को कर्मचारियों को भेजी जानकारी में कहा था कि वित्त वर्ष 2023 के लिए कंपनी का राजस्व 5,700 करोड़ रुपये रहने की संभावना है, जो पूर्ववर्ती वित्त वर्ष के 4,780 करोड़ रुपये से 19 प्रतिशत तक ज्यादा है। कंपनी को वित्त वर्ष 2024 में करीब 800 करोड़ रुपये का समायोजित एबिटा हासिल होने का अनुमान है।
कंपनी लागत किफायती तरीके से परिचालन बरकरार रखने पर जोर दे रही है।